मुंबई/भोपाल। दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शाहरूख खान अभिनीत ‘दिलवाले’ का विरोध किया और मुंबई एवं मध्य प्रदेश में सिनेमाघरों के बाहर नारेबाजी की। दूसरी ओर फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण एक मल्टीप्लेक्स सिनेमा को मजबूरन इसके सभी शो रद्द करने पड़े।
पेशवा शासकों के काल के ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर दिखाए जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी सुबह ‘सिटी प्राइड’ सिनेमा के सामने जमा हो गए और नारे लगाने लगे, जिसके कारण सिनेमाघर के प्रबंधन को फिल्म की स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी।
मुंबई में हिंदू सेना के पांच कार्यकर्ताओं को उस वक्त हिरासत में ले लिया गया जब उन्होंने दादर में एक मॉल में घुसने का प्रयास किया और रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म ‘दिलवाले’ का शो रोकने की धमकी दी। उन्होंने ‘शाहरूख खान मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए। ऐसा लगा कि वे लोग ‘असहिष्णुता’ के मुद्दे पर शाहरूख की टिप्पणी को लेकर फिल्म का विरोध कर रहे थे।
मध्य प्रदेश में भी ‘दिलवाले’ को प्रदर्शन के पहले ही दिन दक्षिणपंथी समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके चलते भोपाल, इंदौर एवं जबलपुर सहित कई जिलों में फिल्म का प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शाहरूख-काजोल की फिल्म ‘दिलवाले’ के पोस्टर फाड़ दिए और उसे प्रदर्शित कर रहे सिनेमाघरों में जमकर उत्पात मचाया, जिसकी वजह से जबलपुर में समदडिय़ा, ज्योति एवं साउथ एवन्यू सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन रोकना पड़ा।
इसी तरह प्रदर्शनकारियों ने शिवपुरी के श्रीराम सिनेमाघर में भी फिल्म का प्रदर्शन रुकवा दिया। उन्होंने दुर्गा सिनेमाघर के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
पुलिस का कहना है कि भोपाल में हिन्दू मित्र मंडल के कार्यकर्ताओं ने अपने अध्यक्ष कपिल जाधव के नेतृत्व में ज्योति सिनेमाघर के सामने प्रदर्शन किया, जबकि हिन्दूवादी संगठनों द्वारा इंदौर में सपना-संगीता सिनेमाघर के सामने प्रदर्शन किया गया।
इंदौर में शांति भंग करने के आरोप में हिन्दू राष्ट्रीय संगठन के प्रमुख राजेश शिरोडकर और उनके एक साथी प्रदर्शनकारी को पुलिस ने अरेस्ट किया है। भोपाल में प्रदर्शनकारी जैसे ही सुबह लगाग ग्यारह बजे ज्योति सिनेमाघर पहुंचे, वहां पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें दूर खदेड़ दिया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी राकांपा ने ‘बाजीराव मस्तानी’ के खिलाफ प्रदर्शन की निंदा करते हुए कहा कि अगर भाजपा को फिल्म में किसी तथ्य को लेकर आपत्ति है तो उसे सेंसर बोर्ड का रूख करना चाहिए था।
राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि हम बाजीराव मस्तानी को रिलीज से रोकने की घटना की निंदा करते हैं। हमारा मानना है कि किसी की भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए। व्यवस्था यह है कि अगर फिल्म के तथ्यों को लेकर सहमत नहींं हैं तो आप सेंसर बोर्ड का रूा करिए।
इस फिल्म में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा द्वारा निभाए गए बाजीराव की पत्नी काशीबाई के किरदार के चित्रण को ‘तोड़ मरोड़कर’ पेश किए जाने और इस प्रसिद्ध हस्ती की गरिमा कम करने का आरोप लगाते हुए कई हलकों में इसकी निंदा की गई है।
”बाजीराव मस्तानी’ एक ऐतिहासिक प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म है, जिसके निर्माता और निर्देशक ांसाली हैं। फिल्म में मराठा योद्धा पेशवा बाजीराव और उनकी दूसरी पत्नी मस्तानी की कहानी कही गई है। रणवीर सिंह ने बाजीराव और दीपिका पादुकोण ने मस्तानी का किरदार निभाया है वहीं प्रियंका चोपड़ा बाजीराव की पहली पत्नी के किरदार में हैं।
बाजीराव के एक वंशज द्वारा फिल्म में दिवंगत पेशवा और उनकी पत्नियों काशीबाई और मस्तानी के किरदार के चित्रण और ऐेतिहासिक तथ्यों में हेरफेर किए जाने का आरोप लगाने के कारण फिल्म रिलीज से पहले से ही विवादों के घेरे में है।