चेन्नई। तमिलनाडु में मंगलवार को विपक्ष ने पलनीस्वामी सरकार से सदन में बहुमत साबित किए जाने की मांग की।
भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी.के. शशिकला के भतीजे टी.टी.वी दिनाकरन के नेतृत्व वाले पार्टी के धड़े के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी से समर्थन वापस लेने के बाद विधानसभा में विश्वास मत परीक्षण की मांग विपक्ष ने की है।
दिनाकरन गुट द्वारा पलनीस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने से सरकार अल्पमत में आ गई है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन व पीएमके के नेता अंबुमणि रामदॉस ने राज्यपाल सी.वी. राव से मिलकर आग्रह किया कि वे पलनीस्वामी को विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने को कहें। डीएमके ने राज्यपाल से यह अनुरोध दिनाकरन गुट के मुख्यमंत्री बदलने की मांग पर किया है।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद शशिकला व दिनाकरन के करीबी थंगातामिज चेलवन ने एक टेलीविजन चैनल से कहा कि हमने राज्यपाल से कहा है कि हम मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी को बदलने के लिए कदम उठाएंगे।
दिनाकरन गुट सत्तारूढ़ पार्टी में अपने को अलग-थलग किए जाने से परेशान है। सत्तारूढ़ पार्टी के दो गुटों (पलनीस्वामी गुट व पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम गुट) का एक दिन पहले विलय हुआ है। विलय हुई पार्टी ने शशिकला को महासचिव पद से बर्खास्त करने का फैसला किया है।
दिनाकरन गुट के 19 विधायक मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मिले। एक सूत्र ने कहा कि उन सभी को अब बेंगलुरु या पुडुचेरी ले जाया जाएगा जिससे कि प्रमुख एआईएडीएमके गुट उनसे संपर्क नहीं कर सकें और कोई खरीद-फरोख्त न हो सके।
दिनाकरन गुट के राज्यपाल से मिलने के बाद मुख्यमंत्री पलनीस्वामी व उप मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने विचार-विमर्शकिया। उनकी बैठक का विवरण या सरकार पर आए खतरे का मुकाबला के लिए उनकी क्या योजना है, इसका पता नहीं चल सका है।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सदन के विपक्ष के नेता स्टालिन ने राव को लिखे एक पत्र में कहा कि मुख्यमंत्री से बहुमत साबित करने में की गई कोई अपरिहार्य देरी एक असंवैधानिक सरकार को जारी रखने का रास्ता दे सकती है और यह सदन में पूर्व के विश्वास मत परीक्षण की स्थापित मिसाल व लोकतांत्रिक नियमों को अस्थिर करेगी।
पीएमके के रामदॉस ने कहा कि दिनाकरन के समूह के 19 विधायकों ने राज्यपाल से कहा कि उन्होंने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इस वजह से एआईएडीएमके सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है।
एआईएडीएमके के विधानसभा में 134 सदस्य है। इसमें विधानसभा अध्यक्ष शामिल नहीं है। रामदॉस ने कहा कि अब यह संख्या 115 हो गई है। उन्होंने कहा कि तीन अन्य विधायकों ने भी दिनाकरन के समर्थन की बात कही है। इससे एआईएडीएमके विधायकों की संख्या 112 ही रह गई है और सरकार अल्पमत में आ गई है।
तमिलनाडु विधानसभा में 234 सीट है। एक सीट एआईएडीएमके की नेता जे. जयललिता के निधन से खाली है।
डीएमके के 89 सदस्य हैं। कांग्रेस के 8 व आईयूएमएल का एक सदस्य है। विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपल सिर्फ मत बराबर रहने की हालत में वोट कर सकते हैं। कांग्रेस, आईयूएमएल व डीएमके का गठबंधन है।