नई दिल्ली। जाने-माने वकील हरीश साल्वे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव के मामले की पैरवी की थी। उन्होंने सोमवार को कहा कि वे जाधव की उसकी मां और पत्नी से इस्लामाबाद में हुई मुलाकात में निराश थे और उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे।
साल्वे ने रिपल्बिक टीवी से कहा कि हमने आज जो देखा वह निराशाजनक है। मनुष्य के रूप में हमें आज भौगोलिक राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। मैं बैठक के दौरान जो हुआ उसे लेकर चिंतित हूं, ना सिर्फ उनके बीच शीशे की दीवार थी (जाधव और उसकी मां तथा पत्नी के बीच), बल्कि जिस तरीके से उन्होंने उनसे बात की उससे भी।
साल्वे ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि जैसे वे प्राप्त निर्देशों के मुताबिक बोल रहे हैं। सामान्यत: जब कोई व्यक्ति भावुक या नाराज होता है तो अपनी मातृभाषा में बात करता है या गाली देता है। यहां वे अंग्रेजी में बोल रहे थे। उन्होंने अंग्रेजी में बातें क्यों की? उन्होंने कहा कि मैं उनके मानसिक स्वास्थ्य और मनोस्थिति को लेकर बहुत चिंतित हूं।
साल्वे ने कहा कि जाधव की मां की हालत तो मौत से भी बदतर होगी। उन्होंने अपने बेटे से मिलने के लिए इतनी लंबी यात्रा की और उन्हें न तो ठीक से बात करने दिया गया और न ही छूने या महसूस करने दिया गया।
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