अजमेर। हाल ही में अजमेर रेल मंडल के संरक्षा विभाग द्वारा तैयार प्लान ‘आपदा प्रबंधन योजना’ 201`7 का विमोचन किया गया था।
विमोचन के अवसर पर डीआरएम पुनीत चावला ने कहा था कि अजमेर डिवीजन के संरक्षा संगठन द्वारा प्रकाशित आपदा प्रबंधन योजना वर्ष 2017 में रेलवे में किसी आपात स्थिति में प्रभावित लोगों के लिए शीघ्र और प्रभावी राहत प्रदान करने के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। शीघ्र ही इसे आईएसओ 9001:2015 से प्रमाणित कराया जाएगा।
अजमेर मंडल रेल प्रशासन अपने इस प्रयास में सफल रहा है और आपदा प्रबंधन योजना में गुणवत्ता लाने हेतु ‘आपदा प्रबंधन योजना’ 2017 को आईएसओ 9001:2015 से प्रमाणित कर दिया गया है। विगत दिवस यह प्रमाणपत्र आईएसओ द्वारा अधिकृत बीएमएस सर्टिफिकेशन नई दिल्ली द्वारा तीन दिन के विस्तृत अंकेक्षण पश्चात प्राप्त हुआ।
चावला ने कहा की अजमेर मंडल ने एक खास उपलब्धि हासिल की है। आपदा प्रबंधन योजना का आईएसओ 9001:2015 प्रमाणीकरण किया गया है जो इस बात की पुष्टि करता है की यह कितनी महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन योजना है, ऐसे में जब रेलवे में सर्वाधिक फोकस यात्रियों की संरक्षा व सुरक्षा को दिया जा रहा है तब इसका महत्व और बढ़ जाता है।
उन्होंने मंडल संरक्षा अधिकारी मोहन आसवानी व् उनकी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी। इस अवसर पर एक संरक्षा बैठक भी आयोजित की गई जिसमे मंडल पर संरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई।
उल्लेखनीय है की इस योजना का उपयोग रेल दुर्घटनाओं एवं आपदाओं के दौरान एक तैयार संदर्भ (ready reference) के रूप में किया जा सकता है। रेल आपदाओं के दौरान किस प्रकार मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारी निश्चित प्रणाली के साथ प्रभावी ढंग से घायलों के बचाव, राहत, प्राथमिक चिकित्सा, यानो को पुनः रेल पर चढाने के कार्य एवं रेलपथ व सिग्नलिंग, रेल परिचालन की पुनःबहाली आदि प्रबंधन योजना में दिशानिर्देशित है।
अजमेर डिवीजन के हर संबंधित रेलवे कर्मचारी ट्रेन संचालन से जुड़ा हुआ है (जैसे स्टेशन मास्टर, कंट्रोलर, पाथ वे सुपरवाइजर, ड्राईवर, गार्ड, टीटीई आदि) के अतिरिक्त विभिन्न विभागों परिचालन, यांत्रिक, वाणिज्य, मेडिकल, इंजीनियरिंग, संकेत व दूरसंचार, इलेक्टिकल और सुरक्षा विभाग की ड्यूटी लिस्ट बताई गई है।
साईट मैनेजमेंट प्लान, एक्शन प्लान, डवलपमेंट प्लान आदि के बारे में जानकारी दी गई है। इस प्लान में क्रेन सप्लायर, जेसीबी सप्लायर, ट्रांसपोर्टर, जल आपूर्तिकर्ता, टेंट हाउस, एनडीआरएफ, मेडिकल और सिक्योरिटी जैसे एजेंसियों की मदद करने के टेलीफोन नंबर जैसे बहुमूल्य जानकारी भी शामिल है।
एनडीआरएफ, सिविल और पुलिस अधिकारियों के महत्वपूर्ण टेलीफोन नंबर राजस्थान और हरियाणा राज्य आदि इस पत्रिका में दिए गए हैं। इस पुस्तक में भीड़ प्रबंधन, गोल्डन हावर रूल, (केमिकल, नयूक्लियेर रेडियो लॉजिकल व बायोलॉजिकल) डिजास्टर, रेलवे संसाधन, एआरटी, एआरएमई, रोड कनेक्टिविटी डायग्राम, और डिवीजन के बुनियादी ढांचे जैसे विषय भी शामिल हैं।