नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को प्रत्येक राज्य में एक विद्या भारती विद्यालय बनाने और विकास के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाने पर ज़ोर दिया।
अखिल भारतीय प्राचार्य सम्मेलन में प्रिंसिपलों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति, चाहे वह धनवान हो या निर्धन, अपने बच्चों को शिक्षित करने का स्वप्न देखता है ताकि वह अच्छे से अच्छा जीवन व्यतीत कर सके।
उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी से दूरियां विकास को रोक देतीं हैं, इस कारण टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक का प्रयोग अनिवार्य है।
प्रधान मंत्री वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों के 1300 प्रिंसिपलों को ‘सामाजिक और शैक्षणिक परिदृश्य में प्रिंसिपल की अहम भूमिका ‘ विषय पर बोल रहे थे।
प्रिंसिपलों की भूमिका की सराहना करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि विद्यालयों के प्रधान केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं अपितु समस्त विद्यालय के लिए उत्तरदायी हैं।
जब कोई अच्छी शिक्षा के विषय में बात करता है, वह उन अद्यापकों के बारे में कहता है जो एक विद्यार्थी के जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
अनेक लोगों के जीवन अद्यापकों का साथ जुड़े हैंI उन्होंने कहा कि ज्ञान हर दिशा से आना चाहिए और मन-मस्तिष्क को विश्व के सर्वोत्तम प्रथाओं के लिए खुला रखना चाहिए।
स्कूल के विद्यार्थियों को ऊर्जा संरक्षण आंदोलन में ‘ब्रैंड एम्बेसडर’ बनाया जा सकता है। इस सम्मेलन का आयोजन विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने किया था।