सूरत। शैक्षणिक सत्र 2016-17 के प्रवेश से पहले डिस्टन्स लर्निग और ओपन पाठ्यक्रम चलाने वाले शैक्षणिक संस्थानों की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जांच करेगा।
देश के 137 शैक्षणिक संस्थानों को डिस्टन्स लर्निग और ओपन पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति दी गई है। इनमें गुजरात में दो और राजस्थान में दो संस्थानों को इन पाठ्यक्रमों के अंतर्गत विद्यार्थियों को प्रवेश प्रदान करने की मान्यता दी गई है।
हाल के दिनों में देश के सभी शिक्षा बोर्ड के परिणाम बारी बारी घोषित हो रहे हैं। परिणाम आने के बाद विद्यार्थी यूजी में प्रवेश के लिए भगदड़ करने लगते हैं। प्रतिसाल पास होने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ती है। इसलिए सभी को रेग्युलर पाठ्यक्रम में प्रवेश मिलना मुश्किल हो जाता है।
इसलिए ऐसे विद्यार्थियों के लिए ओपन यूनिवर्सिटी ही उत्तम विकल्प होता है। देशभर में 137 शैक्षणिक संस्थानों को डिस्टन्स लर्निग और ओपन पाठ्यक्रम चलाने के लिए यूजीसी ने मान्यता दी है। इन शैक्षणिक संस्थानों के नाम की सूचि वेबसाइट पर जारी की गई है।
शैक्षणिक सत्र 2016-17 की प्रवेश प्रक्रिया से पहले इनमें चलाए जा रहे है पाठ्यक्रमों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद इन्हें मान्यता प्रदान की जाएगी। इसके लिए सभी शैक्षणिक संस्थानों को निरीक्षण की प्रक्रिया के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया है। सभी को जांच समिति के आने का समय भी बताया गया है।
विद्यार्थी भी हो सतर्क
हाल के दिनों में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में कई स्टडी सेन्टर विद्यार्थियों को रोजगार और उंची डिग्री प्रदान करे की लालच देकर फंसा सकते है। यूजीसी की ओर से जारी की गई ओपन यूनिवर्सिटी की सूचि से ही विद्यार्थियों को पता लग जाएगा कि वह कहीं फेक यूनिवर्सिटी के जाल में फंस तो नहीं रहा है।
सूची में जारी किए गए नाम वाले ही शैक्षणिक संस्थान में विद्यार्थी प्रवेश ले तो उसके साथ धोखा नहीं होगा। यूजीसी भी हाल फेक यूनिवर्सिटी और शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबद्ध विश्वविद्यालयों पर दबाव बना रहा है।
राज्य सरकार ने भी दिया आदेश
विद्यार्थी फेक विश्वविद्यालय का शिकार ना हो इसलिए राज्य सरकार ने भी विश्वविद्यालयों को ऐसे स्टडी सेन्टर के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। वीएनएसजीयू ने स्टडी सेन्टर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है, इस संदर्भ में लोगों को इनकी शिकायत देने के लिए गुजारिश की है।