नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने निशक्तजनों के सशक्तिकरण के लिए काम करने वाले विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग का नाम बदलकर अब हिन्दी में ‘दिव्यांगजन’ सशक्तिकरण विभाग कर दिया है।
यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के पांच माह बाद देखने को मिला है। पिछले साल 27 दिसंबर को आकाशवाणी पर प्रसारित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि शारीरिक रूप से चुनौतियों का सामना करने वाले लोगों में एक “दिव्य क्षमता होती है” और उनके लिए “विकलांग” के स्थान पर “दिव्यांग” शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
केंद्र ने भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम 1961 में संशोधन करते हुए विभाग का नाम बदलने की पेशकश की। कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब डिपार्टमेंट ऑफ एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद डिसएबिलिटीज (विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग) को हिंदी में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के नाम से जाना जाएगा। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नए नामकरण को अपनी मंजूरी दे दी है।