नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 नवंबर को अशोक चक्र के चिन्ह वाली देश की पहली ‘भारत स्वर्ण मुद्रा’ समेत सोने में निवेश संबंधी तीन योजनाएं पेश करेंगे। अन्य दो योजनाएं स्वर्ण मौद्रिकरण योजना जीएमएस तथा सावरेन स्वर्ण बांड योजना हैं।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि शुरआत में भारत स्वर्ण मुद्रा 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध होंगे। 20 ग्राम की बट्टी उपलब्ध होगी। बयान में कहा गया है कि एमएमटीसी के आउटलेट्स के जरिये 5 ग्राम के 15,000 सिक्के, 10 ग्राम के 20,000 सिक्के तथा 3,750 स्वर्ण बट्टियां उपलब्ध होंगी।
भारत स्वर्ण मुद्रा कई दृष्टिकोण से विशिष्ट होगी। इसमें इसके नकल रोधक आधुनिक खूबियां और छेड़छाड़ न की जा सकने वाली पैकेजिंग होगी। इन सिक्कों का वितरण एमएमटीसी के अधिकृत और मान्यता प्राप्त आउटलेट्स के जरिये किया जाएगा।
दूसरी योजना जीएमएस मौजूदा स्वर्ण जमा योजना, 1999 का स्थान लेगी। हालांकि स्वर्ण जमा योजना के तहत बकाया जमा को उसकी परिपक्वता अवधि तक चलाने की अनुमति होगी। सरकार ने सितंबर में जीएमएस को मंजूरी दी थी। इसका मकसद बेकार पड़े 5,40,000 करोड़ रुपए के 20,000 टन सोने के एक हिस्से को बैंकिंग प्रणाली में लाना है।
सरकार का इरादा पीली धातु के विकल्प के रूप में सॉवरेन स्वर्ण बांड भी जारी करने का है। वित्त मंत्री अरण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में भारत स्वर्ण मुद्रा जारी करने तथा स्वर्ण मौद्रिकरण तथा बांड योजना की घोषणा की थी।
बयान में कहा गया है कि निवासी भारतीय व्यक्तिगत, एचयूएफ, ट्रस्ट जिसमें सेबी म्यूचुअल फंड नियमन एवं कंपनीज के तहत पंजीकृत म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज शामिल हैं इस योजना के तहत जमा कर सकेंगे। इसमें 995 शुद्धता वाला न्यूनतम 30 ग्राम सोने के बराबर सोने की बट्टी, सिक्का या आभूषण जमा कराया जा सकेगा। इसके बैंक घोषित किए जाएंगे और ये जमाएं 1-3 वर्ष, 5-7 वर्ष और 12-15 वर्ष के लिए होंगी।
सावरेन स्वर्ण बांड के बारे में बयान में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श में इस तरह का उत्पाद 2.75 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ जारी करने का फैसला किया है। बांड के लिए आवेदन 5 से 20 नवंबर के बीच स्वीकार किए जाएंगे। बांड 26 नवंबर को जारी किए जाएंगे। बांडों की बिक्री बैंकों और नामित डाकघरों के जरिये की जाएगी।
स्वर्ण बांड योजना के तहत निवेशकों को दो ग्राम सोने से अधिकतम 500 ग्राम सोने तक के बराबर बांड खरीदने का विकल्प हागा। यह पहले चरण की स्वर्ण बांड योजना है और इसके आगे के चरणों को बाद में अधिसूचित किया जाएगा। इस बांड की अवधि आठ साल की होगी और पांचवें साल से इसमें बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध होगा।