सबगुरु न्यूज। धनतेरस से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो गई है। बुधवार को प्रदेशभर में रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। वहीं, गुरुवार को दीपावली का मुख्य उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन दाता धन की देवी मां लक्ष्मी का पूजन शुभ मुहूर्त में करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी और पूरा साल मंगलकारी होगा।
दीपावली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। इस विषय में बाबा कैलख देव के महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि दीपावली देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है दीपावली पर शुभ मुहूर्त और सही विधि से पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस वर्ष दिवाली का त्योहार गुरुवार, 19 अक्टूबर को है।
पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो गई है और बाजारों में लोग दीपावली की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देवी लक्ष्मीजी कार्तिक मॉस की अमावस्या के दिन समुन्दर मंथन में से प्रकट हुई थीं। इसलिए यह पर्व इस दिन मनाया जाता है। रोहित शास्त्री ने बताया कि दीपावली पर इस बार बाजार एवं व्यापारियों के लिए मंदी रहेगी।
जानिए दिवाली पूजा के शुभ मुहूर्त
सुबह 06:43 से 07:09 तक, सुबह 10:15 से दुपहर 02:53 तक, दुपहर 2:38 से शाम 04:10 तक,शाम 05:50 से रात्रि 08:22 तक, शाम 07:15 से रात 09:10 तक। प्रदोष काल में ही शाम 05:50 से रात्रि 08:22 तक इस समय में दीपदान गणेश, लक्ष्मीनारायण और कुबेर का पूजन करना शुभ होगा।
दीपावली के दिन शाम को देव मंदिरों के साथ ही गृह द्वार, कूप, बावड़ी, गोशाला इत्यादि में दीपदान करना चाहिए। व्यापारियों को इस रात तथा स्थिर लग्न में अपने प्रतिष्ठान की उन्नति के लिए गणेश, लक्ष्मीनारायण और कुबेर का पूजन करना चाहिए।
इस रात घर में कुबेर लक्ष्मीनारायण, गणेश का पंचोपचार का षोडशोपचार पूजन का धुप दीप प्रज्वालित कर माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्तम, कनकधारा, लक्ष्मी चालीसा समेत किसी भी लक्ष्मी मंत्र का जप पाठ आदि करना चाहिए।
दीपावली की रात्रि को किए गए जप, तप, मंत्र, अनुष्ठान आदि करने का विशेष महत्व है।मान्यता है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन सही विधि से किया जाए तो धन में वृद्धि होती है।