रांची। दुर्गापूजा बीतते ही शहर में दिवाली का बाजार सज कर तैयार है। दिवाली 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसके लिए घर से लेकर बाजार तक में तैयारियों का दौर शुरू हो गया है।
28 अक्टूबर को धनतेरस है। धनतेरस को लेकर शहर के अन्य बाजारों के साथ ही सर्राफा बाजारों में भी रौनक देखी जा रही है। लोग सर्राफ बाजारों में जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
रविवार को लोगों ने रवि पुष्य नक्षत्र के मौके पर जमकर खरीदारी तो की ही, साथ ही साथ प्री बुकिंग भी कराई जिसमें रांची में लगभग 40 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ। नवंबर और दिसंबर में आने वाली लगन की वजह से भी सर्राफ की दुकानों में सोने की ब्रिकी जोरों पर है।
रांची के सर्राफा दुकानों में आभूषण सहित अन्य चीजों के नए-नए कलेक्शन लाए गए हैं। इसके साथ ही त्योहार में ही लोग शादी के लिए गहनों की बुकिंग कर रहे हैं। वहीं डेली और ऑफिस वियर क्लेक्शन में खास तौर पर लाइटवेट ज्वेलरी लाई गई है।
कुंदन पोलकी ज्वेलरी पर भी खास फोकस किया गया है। राजघरानों के फैशन में शामिल परम्परागत ज्वेलरी में कई तरह के मिक्स्ड ट्रेंड भी आए हैं। इस बार धनतेरस पर रांची में लगभग 140 करोड़ रुपए के सोना, चांदी और हीरे के गहनों की बिक्री का अनुमान है।
बाजार में सोने की चेन, फिंगर रिंग, इयर रिंग और गले के हार, नोज पीन सहित अन्य चीजें उपलब्ध हैं। इनके मूल्य वजन पर भिन्न-भिन्न हैं। छोटे बच्चों के तीन से चार ग्राम के चेन, बड़ों के चेन सात से आठ ग्राम से शुरू है, जिसकी कीमत 24000-70,000 रुपए है।
फिंगर रिंग दो ग्राम के उपलब्ध है। यह 8000 रुपए से शुरू है। वही इयर रिंग फैशन ट्रेंड के मुताबिक डबल और ट्रिपल स्टोरेज ज्यादा है। इसके अलावा बाली, झुमकी और टॉप्स भी सर्राफा बाजार में उपलब्ध है।
इसकी शुरूआत 9000 से 25,000 तक और गले की हार में एंटीक, कुंदन, पोलकी, जड़ाऊ 60,000 से 4.5 लाख रुपए तक में उपलब्ध है।
सोने के बाजार में हीरा और सीटी गोल्ड की ज्वेलरी ने भी अपना स्थान बना लिया है। हीरे की चमक ऐसी है कि यह सोने के परमानेंट ग्राहक का मन मोह ले रही है।
रांची के सर्राफा बाजारों में सोने की कीमत में बढो़तरी और गिरावट के बाद बाजार का रुख हीरे की खरीदारी की ओर हो गया है।
रांची के बाजार में डायमंड पेंडेंट्स 50,000-10 लाख रुपए, सोलिटेयरी चूड़ी 5 लाख से 50 लाख रुपए, डायमंड ज्वेलरी 5 लाख से 2 करोड़, अनकट डायमंड पोलकी 3-40 लाख और डायमंड रिंग 30 हजार से 3 लाख तक का उपलब्ध है।
रांची सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार दिवाली में धनतेरस के मौके पर हीरे का व्यापार 300 करोड़ से भी ज्यादा होता है। रांची के सर्राफा दुकानों में 50 लाख से अधिक के हीरे बिक रहे हैं। इसमें हीरे से जड़े गहनों की कीमत में भी उछाल आई है।
नए ट्रेंड का सिल्वर कोटेड सोने में चमकादार होरों के सेट सबसे ज्यादा चलन में है, जिसकी कीमत 4-5 लाख से शुरू है। महंगे होने के बाद भी इसकी खरीद में कमी नहीं आती है।
एक ओर हीरा जहां महिलाओं के लिए फैशनेबल ज्वेलरी है, वहीं पुरुषों के लिए अच्छा निवेश का साधन है। पिछले वर्षो में सोने में किए गए निवेश में मात्र 4-5 प्रतिशत राशि का ही मुनाफा हुआ। ऐसे में ग्राहक अब हीरे में निवेश की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। इसमें खरीदारी में लगी राशि का वास्तविक मूल्य बना रहता है।
बाजार में सिटी गोल्ड के आभूषण भी अपने स्तर से सोने, हीरे और चांदी की ज्वेलरी को टक्कर ले रही है। बाजार में सिटी गोल्ड की अलग-अलग डिजाइन मौजूद है, जो काफी पंसद किए जा रहे हैं। सोने, चांदी और हीरे की अपेक्षा कई गुणा कम कीमत होने के कारण समाज का हर वर्ग इसे खरीदने में सक्षम है।
वर्तमान में बाजार में सिटी गोल्ड के राजकोट झुमकों की मांग अधिक है, जिनमें स्टोन और मोतियों से कारीगरी की गई है। इसकी कीमत 200 से 500 तक है। इसके साथ ही 100 से 900 रुपए तक सिटी गोल्ड की चूड़ियां और कंगन भी बाजार में उपलबध है, जिसमें सोने की तरह नक्काशी की गई है। सिटी गोल्ड के चेन की डिमांड ज्यादा है, जिनका मूल्य 300 से 800 रुपए तक का है।
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