लखनऊ। राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए फिल्म अभिनेत्री दिया मिर्जा ने कहा कि अगर लोगों को स्वच्छ पानी और हवा पर टैक्स देना पड़ता तो कीमत भी समझते। प्रकृति को अनदेखा करने का खामियाजा हम भुगत रहे हैं, बावजूद इसके कीमत समझ में नहीं आ रही है।
डाॅ. अब्दुल कलाम मेमोरियल इण्टरनेशनल यूथ कान्क्लेव में युवाओं को संबोधित करते हुए दिया ने बुधवार को कहा कि धरती बहुत सुन्दर है। प्रकृति ने इसे सजाया है। स्वच्छ बनाया है। हमें इसे बिगाड़ने का अधिकार नहीं है। हम लापरवाह तरीके से इसके साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जरा सोचिए, अगर स्वच्छ पानी और हवा ने मिले तो क्या होगा?
मिर्जा ने एसिड अटैक शिकार लक्ष्मी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मनुष्य की डिमांड हर दिन बढ़ रही है। इससे वह धरती और प्रकृति का दोहन कर रहा है। लेकिन अब इसे नियंत्रित करने का समय आ गया है।
धर्म को बचपन में जानने की उत्सुकता के सवाल पर उन्होंने कहा कि तुम मेरी शान हो, मां ने कहा था। यह भी बताया था कि हर मजहब की सोच अच्छाई है। अच्छाई से कभी मुंह मत मोड़ना। आज मैं वही करती हूं। अब विज्ञापन करने से पहले उत्पादक के बारे में भी ठीक से जानने की कोशिश करती हूं। जिसके निर्माण में प्रकृति का गलत तरीके से दोहन किया गया होता है, उसे मना कर देती हूं।
दिया ने अपनी बातों को लोगों तक पहुंचने, उनकी समझ में आने और सहभागी बनने को सर्वाधिक खुशी देने वाला पल बताया। हो-हल्ला के बीच भी दूसरों की बात सुनने और उसका ठीक से जवाब देने के पीछे मेडिटेशन को प्रमुख वजह बताई। सोचने और करने में अंतर न होने की नसीहत देते हुए मिर्जा ने अपनी समाप्त की।