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मेरठ कलक्ट्रेट पर तीन लोगों ने कैरोसिन छिड़कर कर आग लगाई - Sabguru News
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मेरठ कलक्ट्रेट पर तीन लोगों ने कैरोसिन छिड़कर कर आग लगाई

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मेरठ कलक्ट्रेट पर तीन लोगों ने कैरोसिन छिड़कर कर आग लगाई
DM office set on fire by three men in meerut
DM office set on fire by three men in meerut
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मेरठ। मेरठ के कलक्ट्रेट भवन परिसर में तीन युवकों ने खुद के शरीर पर कैरोसिन तेल उड़ेलकर आग लगा ली। इस घटना में दो युवक झुलस गए। युवकों को आग की लपटों में घिरा देख वहां मौजूद होमगार्ड उस ओर दौड़े और किसी तरह आग को बुझाया। इसकी सूचना पाकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

झुलसे लोगों को ले जाकर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं इन युवकों के परिवार की महिलाओं व बच्चों को महिला थाने भेज दिया गया। अपर जिलाधिकारी (नगर) एसके दूबे का कहना है कि आत्मदाह का प्रयास करने वाले युवक बैंक के एटीएम में कैश लोड करने वाली कंपनी के कस्टोडियन हैं।

फिलहाल अभी तक की पड़ताल में बैंक एटीएम में लोड हुए कैश में गड़बड़ी का तथाकथित विवाद सामने आया है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है।

DM office set on fire by three men in meerut
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कलक्ट्रेट भवन परिसर में बृहस्पतिवार शाम पांच बजे होमगार्ड त्रिभूवन व कुलदीप ड्यूटी पर थे। इस दौरान कलक्ट्रेट में दो कर्मचारी मुकेश कुमार व गुलफाम भी मौजूद थे। इसी बीच तीन युवक बचत भवन की तरफ से आए और कलक्ट्रेट भवन के बरामदे के बाहर परिसर में खुद पर मिट्टी का तेल उड़ेलकर आग लगा ली।

होमगार्ड कुलदीप व त्रिभूवन और कलक्ट्रेटकर्मी मुकेश व गुलफाम के अलावा अर्जी नवीस पिंटू उधर दौड़ पड़े और आग बुझाने में जुट गए। जैसे तैसे उन्होंने आग बुझाई, तब तक राजकुमार का चेहरा और हाथ झुलस गए। अनिल का पैर झुलस गया, जबकि सुनील के कपड़ों तक आग नहीं पहुंच पाई। इसी बीच राजकुमार, अनिल, सुनील के परिवार की महिलाएं व बच्चे भी वहां पहुंच गए।

सूचना पाकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा आग में झुलसे राजकुमार व अनिल के अलावा सुनील को भी पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। इसी बीच अपर नगर मजिस्ट्रेट अरविंद कुमार और सीओ सिविल लाइन बीएस वीर कुमार भी अस्पताल पहुंच गए। अपर नगर मजिस्ट्रेट ने आत्मदाह का प्रयास करने वाले तीनों युवकों से मामले की जानकारी ली।

दोनों अधिकारियों ने सुनील से बंद कमरे में बातचीत की। कमरे से बाहर आए अपर नगर मजिस्ट्रेट ने सुनील से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि ए79 सेक्टर चार नोएडा में लॉजिक के नाम से कंपनी है, जो पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम में कैश लोड कराती है।

कालियागढ़ी का सुनील पुत्र कन्नू सिंह और कांशीराम आवासीय योजना का राजकुमार पुत्र रामपाल इसी कंपनी में कस्टोडियन हैं। सुनील का कहना था कि 14 जनवरी को कंपनी से विभिन्न एटीएम में कैश लोड करने के लिए 74 लाख रुपए आए थे। किठौर का राहत अली इसी कंपनी में कैश लोड कराने का टीम लीडर है।

DM office set on fire by three men in meerut
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राहत अली ने ही उन्हें 54 लाख रुपए पीएनबी के एटीएम में लोड करने को कहा। साथ ही तभी राहत ने 2 लाख रुपए दिए और कहा कि हमारा ऑडिट होने के बाद इस लेनदेन का हिसाब कर लिया जाएगा। बाद में राहत अली ने यह कैश नहीं लौटाया।

सुनील का कहना था कि उस पर और उसके भाई अनिल व सहयोगी राजकुमार पर कंपनी के अधिकारी दबाव बना रहे थे। आरोप है कि कंपनी के अधिकारियों ने पुलिस से भी उन्हें फोन कराए। जिससे उन्हें मानसिक प्रताडना हुई। इन हालात में उन्हें आत्मदाह करने का ही विकल्प दिखाई दिया।

अपर नगर मजिस्ट्रेट का कहना था कि इन लोगों ने किसी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी को इस मामले की जानकारी नहीं दी। उधर, महिला थाने में मौजूद अनिल व सुनील की मां कृष्णा देवी व चाची सुरेश बाला, राजकुमार की पत्नी मानसी, बहन नेहा, चंचल, सास कलावती के अलावा चिंकी, करिश्मा व आशा सहित अन्य महिलाओं का रो रोकर बुरा हाल रहा।

बिलख रही मानसी अपने पति राजकुमार को अस्पताल में देखने की जिद कर रही थी। एसपी सिटी ओपी सिंह का कहना था कि अभी तक की पड़ताल में इन महिलाओं की सुनील, अनिल व राजकुमार के आत्मदाह का प्रयास करने में संलिप्तता संज्ञान में आई है। पड़ताल में इसकी पुष्टि होने पर इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी ओर, अपर जिलाधिकारी (नगर) एसके दूबे ने लॉजिक कंपनी के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने एटीएम में कैश लोड करने का ऑडिट किया, तभी दो एटीएम में 6.86 लाख रुपए कम मिले। कस्टोडियन राजकुमार और सीनियर कस्टोडियन सन्वेश ने यह नकदी कंपनी में जमा करा दी।

अन्य बैंकों के एटीएम का ऑडिट करने कंपनी के अधिकारी यहां पहुंचे। इसी दौरान इन अधिकारियों ने तीन एटीएम मशीनों का ऑडिट किया। इनमें दो एटीएम मशीनों में कैश ठीक मिला, जबकि तीसरे एटीएम मशीन में 2.58 लाख रुपए कम मिले। अन्य 18 एटीएम मशीनों का भी इन अधिकारियों का ऑडिट करना था।

कस्टोडियन सुनील व अनिल ने इस ऑडिट में सहयोग करने से इंकार कर दिया। तभी कंपनी के अधिकारी सिविल लाइन थाने पहुंचे और ऑडिट कराने में पुलिस की मदद मांगी। सिविल लाइन पुलिस ने अनिल व सुनील से फोन पर संपर्क कर उन्हें थाने आने को कहा। सुनील और अनिल थाने नहीं आए और इन दोनों के अलावा राजकुमार भी कलक्ट्रेट परिसर पहुंचा।

इन युवकों ने कलक्ट्रेट परिसर में पहुंचकर अपने शरीर पर मिट्टी का तेल उड़ेला और आग लगा ली। अभी पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। सिविल लाइन थाने के एसएसआई रणसिंह ने जानकारी दी कि फिलहाल आत्मदाह का प्रयास करने वाले युवकों के खिलाफ तहरीर नहीं आई है। तहरीर आने के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।