न्यूयॉर्क। आणविक जीवविज्ञानी और आनुवांशिक विज्ञान के पिता जेम्स डी. वॉटसन ने गुरूवार को यहां क्रिस्टीस में 1962 में मिले चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार के मेडल को 47.5 लाख डॉलर में नीलाम कर दिया। यह पुरस्कार उन्हें डीएनए की संरचना की खोज के लिए दिया गया था।
वॉटसन का जन्म 1928 में शिकागो में हुआ था। उन्हें यह पुरस्कार फ्रांसिस क्रिक और मॉरिस विल्किंस के साथ डीएनए डबल हेलिक्स अणु पर अपनी शोध के लिए मिला था। बाद में इस शोध को आनुवांशिक विज्ञान के लिए मौलिक माना गया। पदक की बिक्री के लिए 35 लाख डॉलर की राशि का अनुमान लगाया गया था लेकिन यह उससे भी अधिक राशि पर नीलाम हुआ।
गुरूवार को मेडल की नीलामी करने के बाद से वॉटसन पहले ऎसे जीवित वैज्ञानिक बन गए हैं जिन्होंने यह कदम उठाया हो। यह मेडल 23 कैरेट सोने से बना हुआ है, और इसका व्यास 66 मिलीमीटर है। इसमें अल्फे्रड नोबेल का चेहरा बना हुआ है। इसे मखमल के एक बॉक्स में रखा गया है जिस पर वॉटसन का नाम लिखा हुआ है।
वैज्ञानिक ने कहा कि इस धन को शैक्षिक संस्थाओं को आवंटित करेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे एक लोकहितैषी कदम बताते हुए कहा है कि उनका यह कदम 2007 में एक विवादित बयान से छुटकारा पाने के लिए लिया गया हो सकता है। उन्होंने 2007 में बयान दिया था कि अश्वेतों की तुलना में गोरे लोग अधिक बुद्धिमान होते हैं।
उन्होंने बाद में हालांकि अपने बयान पर खेद जताया था। इस बयान के परिणाम स्वरूप उन्हें लांग आईलैंड स्थित कोल्ड स्प्रिंग हार्बर प्रयोगशाला के प्रमुख के पद से निकाल दिया गया था।