जयपुर/जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बुधवार को स्वप्रेरणा से संज्ञान लेते हुए जोधपुर अस्पताल में ऑपरेशन करने के दौरान चिकित्सकों के बीच हुई कहासुनी को लेकर जांच के आदेश दिए हैं। चिकित्सकों के बीच हुई कहासुनी से संबंधित वीडियो सोशल नेटवर्क पर छाया हुआ है।
न्यायाधीश जीके व्यास की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने घटना को गंभीर बताते हुए विस्तार से जांच का आदेश दिया। सोशल नेटवर्क पर छाए इस वीडियो में उमेद अस्पताल के दो चिकित्सक ऑपरेशन कक्ष के अंदर एकदूसरे से उलझते दिख रहे हैं।
वीडियो में कहासुनी करते दिख रहे चिकित्सकों की पहचान स्त्री रोग विशेषज्ञ अशोक नेनिवाल और एनस्थीटिस्ट एमएल टक के रूप में हुई है।
उमेद अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई ने बताया कि वीडियो में दिख रही महिला की 11 बजे के करीब ऑपरेशन कर प्रसूति कराई गई तथा महिला और उसका नवजात बच्ची पूरी तरह स्वस्थ हैं।
जन्मी बच्ची खो जाने की खबर पर देसाई ने कहा कि एक और महिला की 20-30 मिनट बाद ऑपरेशन के जरिए दूसरे चिकित्सकों ने प्रसूति कराई थी, जिसमें मृत बच्चे का जन्म हुआ था और पूरी संभावना है कि सूचनाओं का घालमेल हो गया।
देसाई ने कहा कि हालांकि चिकित्सकों के इस तरह के अनैतिक और गैर-पेशेवराना बर्ताव को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ से जिलाधिकारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने पहले ही तीन वरिष्ठ अधिकारियों की समिति गठित कर दी है।
न्यायालय हालांकि इससे संतुष्ट नहीं हुआ और राज्य सरकार द्वारा गठित जांच समिति में महानगर दंडाधिकारी को भी शामिल करने का आदेश दे दिया। न्यायालय ने जिलाधिकारी को इस मामले में चार सितंबर को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।