जयपुर। राजस्थान में सात दिन से सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल से बेपटरी हुई चिकित्सा व्यवस्था सोमवार से सामान्य हो जाएगी। हडताल रविवार रात को समाप्त हो गई है और डॉक्टर ड्यूटी पर लौटेंगे।
सचिवालय में रविवार दोपहर दो बजे शुरू हुई वार्ता रात करीब 8:30 बजे तक चली। इस दौरान 33 सूत्रीय मांगों के एक-एक बिंदु पर दोनों पक्षों के बीच विचार हुआ। इसके बाद समझौते के ड्राफ्ट पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए।
इससे पहले शाम करीब पांच बजे डॉ. चौधरी और उनके साथी सरकार के साथ चल रही बातचीत को बीच में छोड़कर एक बार बाहर आ गए थे। उन्होंने मंत्री और अफसरों पर डॉक्टरों की मांगों को लेकर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता नहीं छोड़ना चाहती।
दरअसल, उस वक्त रेजीडेंट डॉक्टर्स की मांगों, ग्रेड पे, एरियर और एकल पारी में ड्यूटी की मांग पर गतिरोध बना हुआ था। रात करीब साढ़े आठ बजे सेवारत चिकित्सकों की मांगों पर सहमति बन गई।
इसके बाद सेवारत डॉक्टर्स का प्रतिनिधिमंडल वार्ता से बाहर आए और रेजीडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल को बुलवाया। इसके बाद रात करीब 9:30 बजे वार्ता फिर से शुरू हुई। इसके बाद रेजीडेंट डॉक्टर्स के मांग पत्र पर विचार हुआ। रात करीब 11:30 बजे हड़ताल समाप्त करने की औपचारिक घोषणा हुई।
गौरतलब है कि पिछले करीब एक सप्ताह से प्रदेशभर के सेवारत चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। बाद में रेजीडेंट डॉक्टर्स भी उनके समर्थन में शामिल हो गए थे, जिसके कारण प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकीय सेवाएं और अस्पतालों की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई थी।
डाक्टरों के न होने से अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ा था। हड़ताल के चलते समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण प्रदेशभर में मरीज परेशान रहे।