नई दिल्ली। निर्भया गैंग रेप कांड के दोषी का सक्षात्कार की इजाजत संप्रग के शासन काल में दी गई थी। उस समय सुशील कुमार शिंदे केन्द्रीय गृह मंत्री थे। दिल्ली में जब उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया तो वह भड़क उठे। शिंदे ने कहा कि जब गृहमंत्री राजनाथ सिंह मेरा नाम नहीं ले रहें है तब कोई और कैसे ले सकता है।
एक अंग्रेजी टीवी चैनल ने उनसे सवाल पूछा की उनके कार्यकाल में ही निर्भया रेप कांड के एक दोषी मुकेश सिंह को साक्षात्कार देने की इजाजत दी गई थी। इस पर भड़कते हुए शिंदे ने कहा कि गृह मंत्री ने मेरा नाम नहीं लिया है। आप मेरा नाम ले रहे हैं। यह बिल्कुल गलत है।
उधर निर्भया के दोषी मुकेश सिंह साक्षात्कार और उस बनी डॉक्यूमेंट्री पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सख्त रूख अपना लिया है। न्यायालय ने इस डॉक्युमेंट्री के इंटरनेट सहित सभी संचार माध्यमों पर प्रसारण पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने कहा कि अगर इस डॉक्युमेंट्री का प्रसारण किया जाता है, तो पुलिस कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। बता दें कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इसे बीबीसी द्वारा प्रसारित किया जाना था।
बीबीसी के लिए बनाई गई इस डॉक्युमेंट्री में निर्भया कांड के मुख्य दोषी ने कथित तौर पर महिलाओं को ही बलात्कार का जिम्मेदार ठहराया है।
उधर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि निर्भया कांड के दोषी से इस डॉक्युमेंट्री के लिए साक्षात्कार लेने की अनुमति जेल अधिकारियों द्वारा 25 जुलाई 2013 को दी गई थी। उन्होंने कहा कि वह इस अनुमति से हैरान हैं। गृह मंत्री ने कहा कि वह पूरे मामले की जांच कराएंगे और अगर जरूरी हुआ तो कैदियों से साक्षात्कार लेने वाले प्रावधान को समीक्षा करके उसमें आवश्यक संशोधन करवाएंगे।
सिंह ने कहा कि वह इस डॉक्युमेंट्री को किसी भी सूरत में जारी नहीं होने देंगे चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर हो, वेब मीडिया पर हो या प्रिंट मीडिया में हो। उन्होंने कहा कि इस बारे में अदालत से आदेश प्राप्त कर लिया गया है कि इस विवादास्पद डॉक्युमेंट्री को भारत में जारी नहीं किया जाएगा।