वाशिंगटन। अमरीकी थिंक टैंक ने ट्रंप प्रशासन से सिफारिश की है कि भारत और अफगानिस्तान में आतंकवाद फैलाने के एवज में पाकिस्तान पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए।
इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया कि पाकिस्तान के प्रति अमेरिका को नए सिरे से सोचना चाहिए और ऐसे उपाय करने चाहिए कि वह अपनी विदेश नीति में आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल न कर सके।
अमरीका के जाने-माने 10 थिक टैंक से जुड़े दक्षिण एशिया मामलों के प्रख्यात विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की धरती पर फल-फूल रहे आतंकवादी गुटों के प्रति अमरीका लंबे समय से नरमी से पेश आता रहा है। ये आतंकी गुट भारत में आतंकवादी वारदात करते रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि अमरीका ने 9/11 के हमले के बाद और 2001-2002 में भारत और पाकिस्तान के बीच बने सैन्य तनाव के दौरान हाथ आए बड़े अवसर को यूं ही बेकार जाने दिया। उसी समय पाकिस्तान पर शिकंजा कसा जाना चाहिए था जिससे कि विदेश नीति में आतंकवाद को हथियार बनाने की पाकिस्तानी सेना की बुनियादी रणनीति रोकी जा सके।
विशेषज्ञों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की नीति ऐसी होनी चाहिए कि आतंकवाद को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने के खामियाजे के भय से पाकिस्तान इस रणनीति पर चलने की हिम्मत न कर सके।
इसके साथ ही सुझाव दिया गया कि पाकिस्तान को खुले शब्दों में बता देना चाहिए कि अगर उसने अपनी नीतियां नहीं बदलीं तो उसे आतंकवादी देश भी घोषित किया जा सकता है।