वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन नवंबर से 14 नवंबर के बीच जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस का दौरा करेंगे। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
व्हाइट हाउस ने इससे पहले ट्रंप के चीन, दक्षिण कोरिया, और जापान जाने की योजना की पुष्टि की थी। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीइसी) सम्मेलन में भाग लेने के लिए वियतनाम और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए फिलीपींस भी जाएंगे।
गौर करने वाली एक बात यह भी है कि वे इस दौरा भारत नहीं आएंगे। हालांकि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरीकी राष्ट्रपति को परिवार के साथ भारत आने का न्योता दिया था, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी किया था। इस साल जून में व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डेन में पीएम मोदी ने ट्रंप से कहा था कि मुझे आशा है कि आप मुझे भारत में आपके स्वागत और आवभगत का अवसर देंगे।
हालांकि इस न्योते को स्वीकार करने के बावजूद ट्रंप इस बार की अपनी यात्रा के लिए भारत को नहीं चुना। नवंबर में होने वाली अपनी यात्रा में ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मलेनिया भी साथ होंगी।
व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि ट्रंप के एशिया दौरे का एक प्रमुख उद्देश्य उत्तर कोरिया से बढ़ते खतरे से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को मजबूत करना और कोरियाई महाद्वीप को पूर्ण रूप से परमाणु मुक्त बनाना है।
ट्रंप ने उत्तर कोरिया की ओर से बढ़ते परमाणु खतरे के बीच मंगलवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो अमरीका उत्तर कोरिया के खिलाफ ‘विध्वंसक’ सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार है।
व्हाइट हाउस के अनुसार ट्रंप का एशिया दौरा इस क्षेत्र में अमरीका की गठबंधन और दोस्ती की प्रतिबद्धता और अमरीका के व्यापरिक साझेदारों के बीच निष्पक्ष और पारस्परिक आर्थिक संबंध की महत्ता दर्शाता है।
ट्रंप के चीन के दौरे की तैयारियों के मद्देनजर अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन रविवार तक चीन में रहेंगे।