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donald trump says US not committed to two state Israel-Palestine solution
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इजराइल-फिलस्तीन संघर्ष पर अमरीकी नीति में बदलाव

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इजराइल-फिलस्तीन संघर्ष पर अमरीकी नीति में बदलाव
donald trump says US not committed to two state Israel-Palestine solution
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वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल-फिलस्तीन संघर्ष पर दशकों से जारी अमरीका की दो- राष्ट्र समाधान नीति का परित्याग कर दिया है। लेकिन इजराइल से विवादित क्षेत्र में बस्ती बसाने का काम कुछ समय के लिए बंद करने को कहा है।

व्हाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने एक बड़े शांति समझौता कराने का वादा किया, लेकिन साथ में यह भी कहा कि दोनों पक्षों को मन मारना होगा। अपने भाषण में इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने विवादित क्षेत्र में निर्माण के मुद्दे को तबज्जो नहीं दी।

उन्होंने कहा कि वास्तव में विवादित क्षेत्र में निर्माण संघर्ष का न तो मुख्य कारण है और न ही यह संघर्ष को बढ़ावा देता है। इस मुद्दे का हल शांति वार्ता के संदर्भ में होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि इजराइल और फिलस्तीन के बीच साल 2014 से कोई ठोस शांति वार्ता नहीं हुई है और ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इजराइल ने पश्चिमी तट के क्षेत्र में 3000 हजार घरों के निर्माण की मंजूरी दे दी है। दो- राष्ट्र सिद्धांत पर ट्रंप का नजरिया बदल गया है।

उन्होंने कहा कि वह दो राष्ट्र और एक राष्ट्र की ओर देख रहे हैं। लेकिन उन्हें वह पसंद है जिसे दोनों देश पसंद करते हैं। आखिरकार दोनों पक्षों को ही शांति समझौता पर पहुंचना है। ट्रंप का दृष्टिकोण पूर्ववर्ती अमरीकी राष्ट्रपतियों से अलग है। जबकि इजराइल और फिलस्तीनियों के बीच संघर्ष के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और दोनों पक्षों के नेताओं ने दो राष्ट्र सिद्धांत को घोषित लक्ष्य बताया है।

इस सिद्धांत के तहत साल 1967 में संघर्ष विराम से पहले पश्चिमी तट, गाजा पट्टी और पूर्वी यरूशलेम के क्षेत्र में एक स्वतंत्र फिलस्तीन राष्ट्र का निर्माण होना है जिसे इजराइल के साथ शांति से रहना होगा। ओबामा प्रशासन के दौरान पिछले 8 साल से इजराइल सरकार की बातें नहीं बन रही थी। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उसकी उम्मीद बढ़ी है।

राजधानी येरूशलेम ले जाने के अपने चुनावी वादे पर ट्रंप ने कहा कि वह ऐसा देखना चाहते हैं, लेकिन इस मामले में बड़ी सावधानी बरत रहे हैं। लेकिन जब दो-राष्ट्र सिद्धांत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह ठोस काम पर ध्यान देना चाहेंगे न कि नाम देने पर।

उधर इजराइली प्रधानमंत्री का कहना है कि शांति के लिए फिलस्तीनी यहूदी राष्ट्र को मान्यता दे और शांति समझौता में यह शामिल किया जाना चाहिए कि जॉर्डन नदी के पूरे पश्चिमी इलाके की सुरक्षा की जिम्मेवारी इजराइल की होगी।

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने मंगलवार को नीति में संभावित बदलाव का यह कहते हुए संकेत दिया था कि शांति के लिए फिलस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देना अनिवार्य नहीं है। इसके बाद फिलस्तीन सतर्क हो गए और कहा था कि अमरीका दो-राष्ट्र समाधान की नीति नहीं छोड़े।