जेरूसलम। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एकतरफा ढंग से जेरूसलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देंगे। ट्रंप के इस संभावित फैसले पर फिलिस्तीन, पूरी अरब दुनिया में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। यूरोपीय संघ ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
यह खबर ट्रंप द्वारा बुधवार को संभावित एक भाषण से ठीक पहले आई है। इजराइल और फिलीस्तीनियों के बीच पवित्र स्थल जेरूसलम को लेकर विवाद है। इजराइल ने इसे हमेशा अपनी राजधानी माना है जबकि फिलिस्तीनी पूर्वी जेरूसलम को अपने भविष्य के राष्ट्र की राजधानी मानते हैं।
यह विवाद फिलिस्तीनियों के साथ इजराइल के संघर्ष का एक प्रमुख कारण है। इस विवाद पर फिलिस्तीनियों को समूचे अरब और व्यापक इस्लामी दुनिया का समर्थन प्राप्त है। यह शहर विशेषकर पूर्वी जेरूसलम यहूदी, इस्लाम और ईसाई, तीनों धर्मो के लिए पवित्र धार्मिक स्थल है।
इजराइल ने इस पर 1967 में मध्य पूर्व युद्ध के दौरान कब्जा कर लिया था। इससे पहले इस पर जॉर्डन का कब्जा था।
इजराइल की जेरूसलम पर संप्रभुता को हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कभी मान्यता नहीं मिली और इजरायल में सभी देशों की, जिसमें इजरायल का करीबी सहयोगी अमरीका भी शामिल, की राजधानियां तेल अवीव में हैं।
‘बीबीसी’ की रिपोर्ट के अनुसार जेरूसलम को मान्यता देने वाला अमेरिका पहला देश बन सकता है और अगर ऐसा होता है तो यह कदम इजराइल और फिलिस्तीन के बीच के संघर्ष को बढ़ा सकता है और वैश्विक तौर पर भी इसकी चिंताजनक स्थिति में इजाफा कर सकता है।
फिलिस्तीनी गुटों ने संभावित कदम को लेकर वेस्ट बैंक क्षेत्र में तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन की पहले ही घोषणा की दी है। ट्रंप ने मंगलवार को फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय को अपने इरादों की जानकारी दी थी।
अरब नेताओं ने इस कदम के खिलाफ चेतावनी दी है और कहा है कि यह कदम मुसलमानों के लिए खुला उकसावा होगा।
इजराइली अखबार ‘हारेट्ज’ ने फिलीस्तीनी नेताओं के हवाले से बताया कि फिलीस्तीनी गुट बुधवार से अपने विरोध प्रदर्शन को शुरू कर सकते हैं जो शुक्रवार तक जारी रहेगा और इसे फिलिस्तीनी प्राधिकरण का समर्थन हासिल होगा।
‘बीबीसी’ के अनुसार व्हाइट हाउस के अथिकारियों ने कई तरह की जटिलताओं का हवाला देते हुए कहा कि ट्रंप तेल अवीव में स्थित अमरीकी दूतावास को तुरंत जेरूसलम स्थानांतरित नहीं करेंगे और इसमें कई सालों का वक्त लग सकता है।
ट्रंप प्रशासन ने कहा कि जेरूसलम को राष्ट्रपति द्वारा मान्यता देने के फैसले को वास्तविकता को मानने के तौर पर देखा जाना चाहिए। इससे पवित्र स्थलों की स्थिति प्रभावित नहीं होगी और शहर की स्थिति हमेशा फिलिस्तीन व इजराइल के बीच होने वाले अंतिम समझौते के अधीन रहेगी।इजराइल ने जेरूसलम में और तेल अवीव स्थित अमरीकी दूतावास के आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।