न्यूयार्क। महिलाओं का अधिक उम्र में गर्भधारण उनकी संतान के रूप में जन्मीं बेटियों की प्रजनन क्षमता के लिए नुकसानदेह हो सकता है। एक शोध में बताया गया है कि जो महिलाएं देर से मां बनती हैं, उनकी बेटियों में प्रजनन क्षमता प्रभावित होने का जोखिम ज्यादा रहता है।
शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता उम्र के साथ घटती है, क्योंकि महिला के अंडों में आनुवांशिक दोष एकत्र होता जाता है।
‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के अनुसार अंडों में बढ़ने वाला यह आनुवंशिक दोष महिला से उनकी बेटियों में पहुंच जाता है, जिससे उनके स्वयं के अंडे की गुणवत्ता कम होती है। महिलाओं के पिता की उम्र का हालांकि यहां कोई महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को नहीं मिलता।
रिपोर्ट ने अटलांटा में रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी एसोसिएट्स से पीटर नैगी के हवाले से बताया कि मां की प्रजनन की आयु न केवल खुद के लिए ही महत्वपूर्ण है, लेकिन यह निश्चित रूप से उनकी बेटी की प्रजनन क्षमता को निर्धारित करता है, बल्कि बेटियों के बांझ होने का अंदेशा भी रहता है।
उन्होंने आगे कहा कि जब हम 40 की उम्र की आसपास की महिलाओं को गर्भवती बनने में मदद करते हैं, उसी दौरान उन बच्चों में बांझपन का जोखिम अधिक रहता है।
रजोनिवृत्ति की उम्र अलग-अलग होती है, लेकिन आम तौर पर यह 50 साल की आयु के करीब होता है। अगर कोई महिला रजोनिवृत्ति के करीब होने के दौरान संतान को जन्म देती है तो उसकी बेटी की प्रजनन क्षमता प्रभावित होने की आशंका अधिक रहती है। संबंधित शोधपत्र न्यू ओरलींस स्थित अमरीकन सोसाइटी ऑफ रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में प्रस्तुत किया गया।