भोपाल। ग्रहों की युति के कारण 25 और 26 फरवरी को शुभ कार्य करने पर अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। ज्वालामुखी योग के चलते इस दौरान किये गए कार्य लाख कोशिशों के बाद भी शुभ फलदायी नहीं होंगे।
ज्वालामुखी योग अशुभ योगों में से एक योग है, इसी कारण इसमें कोई शुभ काम आरंभ नहीं करना चाहिये। फरवरी में दो दिन यह योग बन रहा है। 25 फरवरी को दोपहर 10.55 से शाम 05.48 तक और 26 फरवरी को दोपहर 10.26 से शाम 06.27 तक ज्वालामुखी योग रहेगा।
यह ज्वालामुखी योग
पंडित विनोद दुबे के अनुसार जब प्रतिपदा को मूल नक्षत्र ,पंचमी को भरणी, अष्टमी को कृतिका, नवमी को रोहिणी तथा दशमी को आश्लेषा नक्षत्र आता है, तो ज्वालामुखी योग बनता है।
यह करना वर्जित
इस योग में किया गया विवाह कार्य शुभ नहीं माना जाता। विवाह होने के पश्चात दंपती को वैवाहिक सुख नहीं मिल पाता। यदि इस योग में बीज बोया जाये तो फसल अच्छी नहीं होती। वहीं जल प्राप्ति के लिए कुआं या तालाब खोदने पर पानी ज्यादा समय के लिए नहीं होता और कुआं सूख जाता है। ज्वालामुखी योग में कारोबार, गृह प्रवेश, व्यापार आदि मांगलिक कार्यों की शुरूआत नहीं करनी चाहिए।