न्यूयॉर्क। अपने बच्चों को ठूंस-ठूंस कर खिलाने वाले माता-पिता सावधान हो जाएं, क्योंकि एक शोध में यह बात सामने आई है कि ऐसा करने से बच्चे का वजन बेवजह बढ़ जाता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिप्रद है।
खाने के सामान्य व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि बच्चे खुद तय करें कि वह कितना खाना चाहते हैं।
अध्ययन के मुताबिक यदि बच्चों को प्लेट में बचा एक-एक दाना खाने पर जोर दिया जाता है, तो वे अपने शरीर के संकेतों को समझना बंद कर देते हैं और तब तक खाते हैं, जब तक उनके माता-पिता खुश न हो जाएं।
नार्वे युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में सहायक प्रोफेसर सिल्जे स्टेनस्बेक ने कहा, ”कुछ बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) अन्य की तुलना में क्यों बढ़ता है, यह जानने के लिए हमने उनकी शारीरिक गतिविधियों,टेलीविजन टाइम तथा भूख पर ध्यान केंद्रित किया।’
स्टेंसबेक ने कहा कि हमारे अध्ययन में यह बात सामने आई कि उन बच्चों के बीएमआई में ज्यादा वृद्धि होती है, जिनमें भोजन उनके खाने के स्वभाव को प्रभावित करता है। वे कितना खाते हैं यह भूख के हिसाब से तय नहीं होता, बल्कि खाने को देखकर तथा उसके गंध से तय होता है।
यह शोध दीर्घकालीन अध्ययन का हिस्सा है, जो कई वर्षों तक बच्चों के मनोवैज्ञानिक तथा मनो-सामाजिक विकास पर अध्ययन करता है। यह अध्ययन पत्रिका ‘पीडियाट्रिक सायकोलॉजी’ में प्रकाशित हुआ है।