वाशिंगटन। अमरीका चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को भारत की नजर से नहीं देखे, क्योंकि यह दक्षिण एशिया और सटे हुए क्षेत्र में शांति और स्थिरता लाने की आर्थिक योजना है, ना कि सुरक्षा रणनीति का हिस्सा। ये बातें पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने यहां बुधवार को कहीं।
समाचार पत्र डॉन के अनुसार यहां एक अलग बैठक में पाकिस्तान के राजदूत एजाज अहमद चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच हुई बैठकों से दोनों देशों के संबंधों में सुधार होने के मार्ग प्रशस्त हुए हैं।
इकबाल ने अमरीका से कहा कि वह पाकिस्तान के साथ अन्य देशों या क्षेत्रीय मुद्दे से जोड़कर व्यवहार करने की जगह उसकी योग्यता का ध्यान रखे। लेकिन जब उन्हें गलियारे पर अमेरिकी आपत्ति की याद दिलाई गई तो उन्होंने कहा कि सीपीईसी किसी के खिलाफ षडयंत्र नहीं है। यह सुरक्षा योजना नहीं है। यह समृद्धि के लिए एक आर्थिक योजना है जो ऊर्जा, ढांचागत और अन्य क्षेत्रों में निवेश आकर्षित कर रही है।
विदित हो कि अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैअिस ने गत सप्ताह कहा था कि सीपीईसी विवादत क्षेत्र होकर गुजरता है और अमेरिका इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। इस बयान को इस्लामाबाद में सीपीईसी पर भारतीय रुख के समर्थन के रूप में देखा गया था।