गर्मियों में बैक्टिरिया ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। ऐसे में इस मौसम में मौसमी बीमारियां भी ज्यादा होती हैं। इन बीमारियों को हल्के मे लेना जानलेवा हो सकता है।
पुरूषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक होती हैं अनिद्रा की शिकार
लू, चिकनपॉक्स, स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों की आशंका गर्मियों में बढ जाती हैं। चिकित्सकों के अनुसार गर्मी में दिल को त्वचा तक रक्त पहुंचाने के लिए काफी जोर लगाना पड़ता है।
ऐसे में 41 डिग्री या इससे ज्यादा तापमान होने की स्थिति में हीट स्ट्रोक, डी-हाइड्रेशन, फ्लू, चिकन पॉक्स और डायरिया से बचाव के उपाय करते रहना चाहिए। गर्मियों में उम्रदराज लोगों, बच्चों और दिल के रोगियों, डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को समस्याएं हो सकती हैं।
डायबटिज मरीजों को सप्ताह में सिर्फ एक बार लेना होगा इंजेक्शन
चिकित्सकों के अनुसार प्यास न भी लगे, तब भी पानी पीते रहना चाहिए। दिल के रोगियों को तीव्र गर्मी में घर के अंदर ही रहना चाहिए, क्योंकि गर्मी में दिल को त्वचा तक रक्त पहुंचाने के लिए काफी जोर लगाना पड़ता है। ज्यादा मेहनत जानलेवा हो सकती है। जंक फूड और सड़क किनारे से कुछ खरीदकर न खाएं, क्योंकि गर्मी में खाना जल्दी खराब होता है।
फास्टफूड का सेवन युवाओं को बना रहा हृदय रोग का शिकार
गर्मी में भी पानी उबालकर पीना चाहिए। लवण और अन्य पदार्थों की सांद्रता बढने से पानी की गुणवत्ता में कमी हो जाती है। पानी में ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि मिले हों तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड वगैरह हो सकता है।