मुंबई। समलैंगिक प्यार की कहानी वेब माध्यम पर पेश करने को लेकर उत्साहित निर्देशक नुपूर अस्थाना ने कहा है कि वह इस कहानी को फिल्म के रूप में पेश नहीं कर सकीं क्योंकि उन्हें डर था कि उनका प्रोजेक्ट सेंसर बोर्ड में अटक जाएगा।
नुपूर ने अपनी पहली वेब श्रृंखला ‘रोमिल और जुगल’ के बारे में कहा, ”दो-तीन वर्ष पहले जब अनु मेहता ने इसे लिखा था तो यह एक फिल्मी पटकथा थी। इस पर एक शानदार फिल्म बन सकती थी लेकिन क्या सेंसर बोर्ड इसे मंजूरी देता? नहीं।
इसलिए ऐसे समय में इस पटकथा पर फिल्म बनाना व्यवहारिक नहीं था और यहां तक कि टेलीविजन चैनल भी इसे नहीं दिखाते। उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से इस तरह की कहानी के लिए डिजिटल ही सबसे सही माध्यम है।
‘बेवकूफियां’ निर्देशक को लगता है कि दो लड़कों की प्रेम कहानी आज के संदर्भों में प्रासंगिक है क्योंकि समाज बदलावों के दौर से गुजर रहा है और अपनी यौन इच्छाओं को लेकर बात करने में लोगों में हिचकिचाहट नहीं है। इस वेब सीरीज का प्रदर्शन 16 अप्रेल से आल्ट बालाजी ऐप पर किया जाएगा।