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dont treat your breast implant
Home Health IMPORTANT आप भी सोच रहीं है ब्रेस्ट इंप्लांट करवाने की तो हो जाए सावधान!

IMPORTANT आप भी सोच रहीं है ब्रेस्ट इंप्लांट करवाने की तो हो जाए सावधान!

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IMPORTANT आप भी सोच रहीं है ब्रेस्ट इंप्लांट करवाने की तो हो जाए सावधान!
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खुद को आकर्षक दिखाने के लिए सेलेब्रेटीज और स्टार्स कई तरह ही सर्जरी का सहारा लेते है। ब्रेस्ट इंप्लांट भी उनमे से ही एक है। ब्रेस्ट इंप्लांट एक तरह की सर्जरी है जिसके जरिए ब्रेस्ट की शेप और साइज को ठीक करने के लिए आर्टिफिशियल मेटेरियल की एक परत ब्रेस्ट में लगाई जाती है।

लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसके स्वास्थ्य पर कुछ हानिकारक प्रभाव देखने को मिलते हैं। फिर भी हर साल पूरी दुनिया में 2-3 लाख महिलाएं ब्रेस्‍ट इम्प्लांट कराती हैं। इतने हानिकारक प्रभावों के बावजूद मशहूर हस्तियों सहित कई महिलाएं ब्रेस्ट इम्प्लांट कराती हैं।

आइये आपको बताते हैं इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स बारे में

-ब्रेस्ट इम्प्लांट करने से स्तनों में संक्रमण, निपल्स सुन्न पढ़ जाना, स्तनों में दर्द और कुछ महिलाओं के गले में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सर्जरी के बाद थकान देखने को मिली है

– लगभग 35% महिलायों को 2-3 साल के भीतर ही दूसरी सर्जरी करनी पड़ती है क्योंकि पहली सर्जरी हुए संक्रमण, दर्द, और अन्य परेशनियों ठीक करना पड़ता है। जिसमें 25% महिलाएं अपने ब्रेस्ट इम्प्लांट को हटवाना पड़ता है।

-इस प्रक्रिया के अपने ही सर्जिकल और ऐनिस्थीश़ नुक्सान हैं। इसके अलावा ब्रेस्ट इम्प्लांट के स्थान पर खून जमा होने लगता जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। जिस मटेरियल का ब्रेस्ट इम्प्लांट होता है वह विदेशी सामग्री है हो सकता है आपका शरीर इसे स्वीकार ना करें।

– कुछ अध्ययनों का दावा है कि सेलाइन इम्प्लांट से मोल्ड और बैक्टीरिया का खतरा होता है। अगर यह इम्प्लांट किसी वजह से टूट जाता है तो इसके विषाक्त पदार्थ पूरे शरीर में फ़ैल सकते हैं। यही नहीं इम्प्लांट में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री आज नहीं तो कल टूट ही जाती है।

– ब्रेस्ट इम्प्लांट में सिलिकॉन इम्प्लांट में कई जोखिम हैं जैसे अगर सिलिकॉन में रिसाव हो जाये और लिम्फ नोड्स में चला जाए तो, पुल्मनेरी फाइब्रोसिस, डर्मेटोम्योसाइटिस, हशिमोटो का थयरोडिटिस, पोल्य्मयोसिटीस, मिक्स्ड कनेक्टिव डिज़ीज़ और पॉयमयलगीआ हो सकता है।

– अगर किसी वजह से ब्रेस्ट इम्प्लांट का मटेरियल क्षतिग्रस्त हो जाता है तो फिर से सर्जरी करनी पड़ती है। जिसमें फिर से वही सारे जोखिम का खतरा होता है।

– कुछ महिलाओं में निपल्स संवेदनशीलता ख़त्म हो जाती है या फिर वे अति संवेदनशील हो जाती हैं और उन में दर्द बना रहता है। इससे संभोग के दौरान वे असहज महसूस होता है।

6 विदेशी सामग्री इस्तेमाल करने की वजह से स्तनों के आस पास ऊतकों के निशान पड़ने लग जाते हैं जिसे कैप्सलर कन्ट्रैक्चर कहा जाता है। इसमें गंभीर दर्द और परेशानी होती है।

इन सब खतरों के आलावा और भी समस्याएं हैं। जैसे जिन महिलायों को ब्रेस्ट इम्प्लांट किया जाता है उनमें स्तन कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है। यही नहीं जो माएं दूध पिलाती हैं उनके दूध में कमी हो जाती है। इसलिए इस सर्जरी से जितना हो सके बचने की कोशिश करें।

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