नागौर। नागौर जिले के परबतसर के गांव जंजीला में नाथों के मोहल्ले में बीते 2 जून को हुए डबल मर्डर केस के ढाई माह बीत जाने पर भी पुलिस इस वारदात को लेकर खाली हाथ ही है।
इस हत्याकांड में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित नाथ समाज और अखिल भारतीय किसान सभा के तत्वावधान में उपखंड मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है।
धरने के तीसरे दिन क्षेत्रीय विधायक मरनसिंह किनसरिया धरना स्थल पर आए तथा पीडित परिजनों से मुलाकात कर एन्हें ढांढस बंधाया।
विधायक ने इस बारे में डीएसपी अमरजीतसिंह बेदी से बातकर पीडितों को न्याय दिलाने तथ आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी किए जाने की मांग दोहराई।
सोमवार को धरना स्थल पर सभा का आयोजन किया जाएगा। इस सभा को किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम संबोधित करेंगे।
क्या था मामला
मालूम हो कि जंजीला के 18 वर्षीय धर्मानाथ पुत्र जवान नाथ और 20 वर्षीय गोविंद नाथ पुत्र शिवनाथ दोनों ही 2 जून को शाम करीब चार बजे घर से निकल गए। गांव की एक दुकान पर ठंडा पीने के बाद गांव से बाहर की तरफ निकल गए। देर रात तक दोनों घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। लेकिन दोनों का कोई पता नहीं चला।
3 जून को करीब ढाई बजे किशनगढ और तिलोनिया के बीच मंडोवरिया के जंगल में पूजा एक्सप्रेस से गोविंदनाथ के कटने की सूचना मिली। शिनाख्त के दौरान गांधीनगर पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला। इससे ही नाम पते का पता चला।
परिजनों का आरोप है कि दोनों दोस्तों की हत्या कर की गई है तथा दोनों के शव अलग अलग जगह से बरामद हुए। एक दोस्त का शव किशनगढ के पास शुक्रवार को रेलवे ट्रेक पर कटा मिला।
मौके पर कटा हाथ भी मिला तथा दूसरे हाथ में एक कॉपी पकडा था जिसमें सुसाइड नोट लिखा गया था। सुसाइड का कारण अधूरे प्यार के कारण जान देने की बात लिखी गई थी। लेकिन परिजनों ने उसके हस्तक्षर और लिखावट उसकी होने से ही इनकार किया है।
ये मामला ठंडा ही नहीं पडा था कि अगले दिन यानी शनिवार को दूसरे दोस्त का शव गांव के तालाब के पास झाडियों में पडा मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि परिजनों ने शिनाख्त उसके कपडों से की। शव की गर्दन धड से अलग थी। शव का श्वानों ने नोंचा हुआ था। परबतसर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।