बीजिंग। चीन के शेनजेन शहर के औद्योगिक इलाके में भीषण भूस्खलन से 32 महिलाओं समेत 91 लोग लापता हो गए हैं। इस भूस्खलन को देश की सबसे बड़ी आपदाओं में से एक माना जा रहा है। वहीं आपदा की भीषणता को देखते हुए सरकार का राहत और बचाव अभियान जारी है।
शेनझेन के उपमहापौर लिउ किंगशेंग ने सोमवार को बताया कि लापता लोगों में 59 पुरूष और 32 महिलाएं शामिल हैं। लिऊशी औद्योगिक पार्क में रविवार को हुए भूस्खलन में 33 इमारतें जमींदोज हो गई थी।
भूस्खलन के दौरान एक टूटते हुए पहाड़ से कई सैकड़ों टन मिट्टी गिरी और इसने 33 इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके कारण शेनजेन के एक औद्योगिक पार्क में स्थित गैस स्टेशन में विस्फोट भी हो गया। मलबे में फंसे पीड़ितों को निकालने के लिए चल रहे बचाव कार्यों में 1500 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं, जिनमें दमकल कर्मी, पुलिस और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।
बचाव कार्य मुख्यालय ने बताया कि घटनास्थल पर तीन अलग-अलग स्थानों पर जीवित लोगों के संकेत मिले हैं। बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए मुश्किल भौगोलिक स्थितियों से जूझ रहे हैं।
शेनजेन के दमकल विभाग के अधिकारी एक्षूओकियान ने कहा कि यह स्थान काफी संकरा है और एक ढलान पर स्थित है। इसलिए वाहनों का यहां प्रवेश बहुत मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि बचाव कार्यों में कई बाधाएं आ रही हैं, जिनमें बारिश, रात के समय कम दृश्यता और मिट्टी की भारी मात्रा शामिल है।
अधिकारियों ने कहा कि भूस्खलन के कारण 33 रिहायशी और औद्योगिक इमारतें दब गईं। चीन की माइक्रो ब्लॉगिंग साइट वाइबो पर शेनजेन नगरपालिका सरकार ने कहा कि भूस्खलन के कारण पास के एक गैस स्टेशन में विस्फोट भी हो गया।
चीन की सोशल मीडिया पर ऐसी कई वीडियोज चल रही हैं, जिनमें शहर में लाल मिटटी का सैलाब साफ दिखाई पड़ रहा है। शाम तक बचावकर्मियों ने 900 से ज्यादा निवासियों को इस घटनास्थल से निकाला। घटनास्थल पर मौजूद भूविज्ञानी विशेषज्ञों के अनुसार, 60 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा के इलाके में औसतन छह मीटर की मोटाई वाली मिट्टी फैल गई है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली क्विंग ने तत्काल बचाव कार्यों को अंजाम देने और इस आपदा के कारण किसी अन्य आपदा को आने से रोकने के आदेश दिए हैं।