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dr apo matter, bjp worker and citizen shows anger against dewasi and parasrampuriya
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चिकित्सक एपीओ मामले में मंत्री और जिला प्रमुख निशाने पर, भाजपा बैठक में भी दिखा गुस्सा

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चिकित्सक एपीओ मामले में  मंत्री और जिला प्रमुख निशाने पर, भाजपा बैठक में भी दिखा गुस्सा
bjp meeting in sirohi dak bunglow
bjp meeting in sirohi dak bunglow

सिरोही। जिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सक के एपीओ को निरस्त करवाने के मामले में सोशल मीडिया में जहां भाजपाई और नागरिक सिरोही विधायक और गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी और जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया पर सीधे निशाना साधे हुए हैं।

वहीं पर रविवार को डाक बंगले में आयोजित भाजपा की जिला बैठक में आए सिरोही जिला प्रभारी कच्छवाहा तथा चित्तौडगढ के सांसद सीपी जोशी के समक्ष भाजपा पदाधिकारियों ने एपीओ निरस्त करवाने वाले नेताओं पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए गुस्सा जताया। इतना ही नहीं बैठक में यह धमकी भी दी गई कि यदि महिला चिकित्सक को सिरोही जिला चिकित्सालय से हटाया नहीं जाता तो भाजपा की पूरी कार्यकारिणी इस्तीफा दे देगी।
बैठक में शुरू में तो पार्टी के औपचारिक मामलों पर चर्चा हुई। इसके बाद प्रभारी की मौजूदगी में जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी से मुखतिब होते हुए सिरोही नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी, शिवगंज ग्रामीण मंडल अध्यक्ष गणपतसिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरेाहित, नितिन रावल, चिराग रावल, प्रकाश पटेल, जब्बरसिंह समेत कई भाजपाइयों ने एपीओ किए गए महिला चिकित्सक को फिर से सिरोही जिला चिकित्सालय में तैनात किए जाने के लिए दोषी भाजपा नेताओं को पता लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।

इन लोगों ने सिरोही जिला प्रभारी के समक्ष महिला चिकित्सक के खिलाफ कथित रूप से पीडितों की एक दर्जन लिखित शिकायतें भी दी। बैठक में इस मामले को लेकर इतना जबरदस्त आक्रोश दिखा कि सुरेश सगरवंशी तो यह तक कह गए कि जनता की भावनाओं के विरु़द्ध जाकर महिला चिकित्सक का एपीओ निरस्त करवाने वाले भाजपाई जनप्रतिनिधि यह जान लेवें कि हम लोग उन्हें मंच पर बैठा सकते हैं तो मंच से उतार भी सकते हैं।

भाजपा जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी ने भी चिकित्सक के एपीओ को निरस्त करवाने वाले भाजपा के जनप्रतिनिधियों का कार्यकर्ताओं समक्ष खुलासा करके शीघ्र ही मंिहला चिकित्सक को सिरोही जिला चिकित्सालय में हटाने की मांग की है।  भाजपा प्रभारी और सांसद सीपी जोशी ने ज्ञापनों की जांच करवाने के बाद उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है।

इधर, सोशल मीडिया पर तो बाकायदा इस प्रकरण में सिरोही के विधायक और गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी और जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया पर सीधा निशाना साधा जा रहा है। भाजपा के ही सोशल मीडिया प्रभारी हरीश दवे की एक पोस्ट में तो यह स्पष्ट झलक रहा है कि भाजपाई पदाधिकारी महिला चिकित्सक का एपीओ निरस्त करवाने में जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया की प्रमुख भूमिका मान रहे हैं, लेकिन आम नागरिक इस प्रकरण में सिरोही विधायक की भूमिका होने का आरोप सोशल मीडिया पर लगा रही है।
-धरने हुआ तो पार्टी और नेताओं की साख पर आएगी आंच
सरकार जिला भाजपा प्रभारी को दिए गए ज्ञापनों की निष्पक्ष जांच करवाकर इस संबंध में निर्णय कर सकती है। वैसे यह तय है कि इस प्रकरण में महिला चिकित्सक का एपीओ करने के बाद उसे निरस्त करके फिर से जिला चिकित्सालय में बहाल किए जाने पर इन प्रतिनिधियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है।

इसे लेकर सोमवार से धरना दिए जाने को लेकर भी सोशल मीडिया में आह्वान आ रहा है। यदि धरना होता है तो यहां से जयपुर तक भाजपा के वह नेता जो कथित रूप से चिकित्सक के एपीओ को निरस्त करवाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले हैं, पार्टी और नेताओं की साख पर विपरीत प्रभाव पडेगा। कार्यकर्ताओं में इस तरह की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग की बात भी दावे के साथ कही जा रही है जिसमे कथित रूप से एक प्रमुख जनप्रतिनिधि इस प्रकरण में दूसरे का हाथ होने की बात कह रहे हैं। इसी ऑडियो को बेस मानकर बैठक में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला।

सत्ता और संगठन का टकराव

बैठक में जिस तरह से भाजपा के पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर आक्रोशित नजर आ रहे थे उसे देखते हुए ये समझना मुश्किल नही होगा कि सत्ता और संगठन में खींचतान शुरू हो गयी है। जिस तरह से भाजपाइयों ने जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली को बैठक में धोया है उससे आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों के लिए सत्ता की राह दुरूह होने की आशंका भी कम नही नजर आ रही है।