लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कददावर मंत्री आजम के इस्तीफे पर असमंजस अभी समाप्त भी नही हुआ है कि समाजवादी पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता डाॅ सी पी राय ने भी बगावत कर दी है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा दिये गये पद को उन्होंने यह कहकर ठुकरा दिया है कि वह इतना बड़ा पद सम्भालने के योग्य नही हैं।
मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेता डा सी पी राय को राज्य योजना आयोग का सदस्य बनाया था लेकिन राय ने यह कहकर पद लेने से इंकार कर दिया है कि वह इस पद को सम्भालने के योग्य नही हैं लिहाजा वह इसे स्वीकार नही करेंगे।
मुख्यमत्री ने सोमवार को डाॅ सी पी राय को एक पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी थी। राय को पत्र के साथ ही मोबाइल पर यह संदेश भेजा गया कि आपको राज्य योजना आयोग का सदस्य बनाया गया है। इस पत्र के मिलने के बाद राय ने उसमें अपना अनुरोध पत्र जोड़कर उन्हें वापस भेज दिया है।
डाॅ सी पी राय ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री का संदेश मिला था, जिसमें कहा गया था कि आपको राज्य योजना आयोग का सदस्य बनाया गया है। इसके लिए मैने उनका आभार प्रकट किया लेकिन यह पद लेने से इंकार कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं इतना बड़ा पद सम्भालने के योग्य ही हूं इसीलिए इसे स्वीकार नही कर सकता। मैं ऐसे पद पर नही बैठ सकता जहां जनता के लिए करने को कुछ नही है। अतः मैं यह पद लेने में असर्थ हूं।
इस बीच सपा सूत्रों की माने तो डाॅ सी पी राय समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वर्ष 2014 में हुये लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को मिली करारी हार के बाद ही उन्होंने प्रदेश महामंत्री और राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
कयास यह लगाये जा रहे हैं कि बलिया से पूर्व कैबिनेट मंत्री नारद राय को बर्खास्त करने के बाद अखिलेश यादव ने नुमाइंदगी के तौर पर डाॅ सी पी राय जैसे वरिष्ठ नेता को पद देकर समायोजित करने की कोशिश की थी लेकिन अब उन्होंने यह पद लेने से मना कर दिया है।