कोहिमा। नगालैंड की राजनीतिक में भारी उथल-पुथल के बीच नगालैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष डा. सुरहोजेले लेजित्सु के राज्य के 17वें मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
डा. सुरहोजेले लेजित्सु को एनपीएफ व डेमोक्रेटिक एलायंस आफ नगालैंड (डीएएन) के विधायकों की बैठक में सोमवार की सुबह विधायक दल का नेता चुन लिया गया जिसके बाद डा. सुरहोजेले लेजित्सु ने राज्यपाल पीबी आचार्य से देर शाम को मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 22 फरवरी को दिन के 11 बजे डा. सुरहोजेले लेजित्सु को मुख्यमंत्री के रूप में पद वो गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नगालैंड में उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सोमवार को सुबह लगभग 10 बजे आयोजित एनपीएफ व 11 बजे डीएएन विधायकों की बैठक में सर्वसम्मित से डा. सुरहोजेले लेजित्सु को विधायक दल का नेता चुना गया।
नेता चुने जाने के बाद उन्होंने सभी विधायकों का आभार ज्ञापित करते हुए डा. सुरहोजेले ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने इस काम में अपने सभी सहयोगियों से सहयोग की कामना की।
वहीं नगालैंड में उपजे हालात के बीच मुख्यमंत्री जैसे प्रतिष्ठित पद को छोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के कार्यों की प्रशंसा की। अपने संबोधन में डा. सुरहोजेले लेजित्सु ने कहा कि राज्य और समाज के बीच फिर से स्वाभाविक स्थिति को बहाल करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने कहा कि नगालैंड के सम्मान को काफी क्षति पहुंची है। इतना नहीं गत कुछ सप्ताह से राज्य को भारी आर्थिक क्षति भी पहुंची है। ऐसी स्थिति में सभी विवादों को समाप्त करने के लिए सभी का परम दायित्व बनता है कि सभी मिलकर काम करें।
उन्होंने सभी विधायकों से आपसी मतभेद को भुलाकर राज्य के विकास के लिए दिल से काम करने की अपील की। नेता चुने जाने के बाद डा. सुरहोजेले लेजित्सु विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
उल्लेखनीय है कि 81 वर्षीय डा. सुरहोजेले लेजित्सु वर्तमान में विधानसभा के सदस्य नहीं है। उन्हें आने वाले कुछ दिनों में विधानसभा का चुनाव लड़ना पड़ेगा। कारण वे 2013 में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था।
इससे पहले वे 2003 में उत्तर अंगामी विधानसभा से विधायक चुने गए थे। वे राज्य के शहर विकास मंत्री का दायित्व संभाला था। इसके अलावा वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर दूसरी बार शहर विकास मंत्री के साथ ही शिक्षा विभाग का भी दायित्व संभाला था।