नई दिल्ली। फिल्म निर्माण में प्रसिद्धि पा चुकीं कृषिका लुल्ला ने वीमेन इकोनॉमिक फोरम में विश्व भर की महिलाओं से अपने अनुभव बांटते हुए कहा कि भारतीय सिनेमा बहुत विकसित हो चुका है और अब हॉलीवुड भी भारतीय सिनेमा जगत से प्रेरणा लेने लगा है।
कृषिका ने कहा कि भारतीय सिनेमा उद्योग में प्रतिभाशाली लोगों का बड़ा समूह है और हमारी प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय सिनेमा जगत में पहचान मिल रही है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता आसान नहीं होती। असफलाएं जीवन का हिस्सा हैं।
हमें मजबूत होना होता है और असफलताओं के साये में आगे बढ़ना होता है। जब आप जीवन में संघर्ष बंद कर देते हैं तो आपकी उपलब्धियां सीमित हो जाती हैं। काम करते रहना और अपने काम पर गर्व करना सफलता का मंत्र है।
कृषिका कहती हैं कि पहले फिल्म जगत में तकनीकी काम को पुरुषों की विशेषज्ञता माना जाता था पर अब टेक्नीशियन, निर्माता, निर्देशक आदि हर काम में महिलाओं का दखल है। कोई काम महिला या पुरुष में बंटा हुआ नहीं है। यह सिर्फ आपकी योग्यता और कुशलता पर निर्भर करता है कि आप कौन सा काम करते हैं।
मेरा व्यक्तिगत विश्वास है कि हम कई काम एक साथ कर सकते हैं और उन सब में संतुलन बना सकते हैं। हर व्यक्ति के लिए उसका सपना सबसे बड़ा मनोरंजन है। सिनेमा जगत की खासियत यह है कि यह लोगों में सपने जगाता है और उन्हें कल्पना की उड़ान भरने की स्वतंत्रता देता है।
मैं और मेरी टीम हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि लोग सपने देखना बंद न करें। सपने, सफलता की सीढ़ी की पहली पायदान हैं।”
वीमेन इकोनॉमिक फोरम में करीब 100 देशों की 2,000 महिला चिंतक, उद्यमी, नेता एवं अन्य ख्यातिलब्ध महिलाएं अपने अनुभवों और संचित ज्ञान साझा करेंगी। सोमवार से शुरू हुए छह दिवसीय इस सम्मेलन में करीब 500 सत्र होंगे।
सम्मेलन में व्यवसाय, आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक थीम पर कई सत्र होंगे। महिलाओं द्वारा विचार-नेतृत्व एवं पारस्परिक सशक्तीकरण, सामुदायिक विकास, अभिनव उपलब्धियों, स्वास्थ्य, स्थानीय वातावरण में योगदान के सामान्य तरीकों सहित, वैश्विक महिला राजनीतिज्ञों द्वारा व्यक्तिगत नेतृत्व आदि पर विमर्श होंगे।