अजमेर। अजमेर शहर भले ही स्मार्ट सिटी न बन पाया हो लेकिन अजमेर में विकास की बयार जरूर हिचकोले लेने लगी है। एक तरफ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के 15 अगस्त को प्रस्तावित आगमन को लेकर विकास कार्य द्रुत गति पर है। वहीं रेलवे भी शहरवासियों को कुछ नई सौगात देने की कोशिशों में जुटा हुआ है।
शुक्रवार को उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ प्रबंधक (डीआरएम) पुनीत चावला ने अजयमेरु प्रेस क्लब की ओर से आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में रेल यात्रियों की सुविधार्थ प्रस्तावित कार्यो के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अजमेर से पांच नई ट्रेनों की शुरुआत का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है। संभवत: आगामी बजट में इसकों मंजूरी मिल जाएगी। इन पांच ट्रेनों में अजमेर से चेन्नई, अजमेर से बांद्रा, अजमेर से इंदौर, अजमेर से जोधपुर, उदयपुर वाया से मंदसौर, अजमेर से रामेश्वरम तक अजमेर के यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी।
विकासकार्य के चलते अजमेर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो, तीन, चार और पांच टॉयलेट, व अन्य सुविधाओं की कमी से यात्रियों को असुविधा हो रही है। जल्द ही इसका समाधान कर दिया जाएगा। इन सभी प्लेटफार्म पर बायोमेट्रिक टॉयलेट बनाने का प्रस्ताव है।
एक नंबर प्लेटफार्म की तरह बाकी के प्लेटफार्म पर भी यात्रियों की सुविधार्थ सेनेट्रीनेपकिन मशीन, एक्सीलेटर, लिफ्ट लगेगी।
रेलवे स्टेशन तथा बाहर की ओर यात्री दबाव को देखते हुए स्टेशन से निकासी तथा एंट्री के लिए सैकेंड गेट भी बनाने की योजना को हाल ही में मंजूरी मिली है। इसके तहत पालबिछला की तरफ से भी स्टेशन में प्रवेश तथा निकास की सुविधा रहेगी। सैकेंड गेट पर पार्किंग समेत अन्य यात्री सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। अजमेर मंडल में 10 हजार करोड रुपए विकास तथा सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे।
डीआरएम ने बताया कि यात्री सुरक्षा को लेकर रेलवे अधिक सक्रियता बरत रहा है। खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ में लेडी इंस्पेक्टर की भर्ती तेज की गई है। इसके अलावा निर्भया फंड के तहत अजमेर मंडल के दस प्रमुख स्टेशनों को सीसीटीवी कैमरों से जोडा जाएगा। आरपीएफ के कंट्रोल रूम के जरिए 24 घंटे स्टेशनों पर निगरानी बनी रहेगी। ये कैमरे अजमेर, आबूरोड, उदयपुर, रानी, फालना, ब्यावर, भीलवाडा, मावली, विजयनगर आदि स्टेशनों पर लगाए जाएंगे।