मुंबई। बीते 48 वर्षो में संभवत: पहली बार शिव सेना शिवाजी पार्क में आयोजित होने वाली वार्षिक दशहरा रैली में आग नहीं उगल सकेगी। शिव सेना इस मौके पर तीखे भाषण देती आई है।…
इस परंपरा की नीव शिव सेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 1966 में शुरू की थी और समय बीतने के साथ शिव सेना की दशहरा रैली महाराष्ट्र की राजनीति में खूनी अक्षर बनता चला गया। इस वर्ष हलांकि मामला भिन्न रहेगा, क्योंकि राज्य में 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है।
शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यहां बुधवार को कहा कि हम शिवाजी पार्क में पारंपरिक दशहरा पूजा करेंगे, लेकिन कोई संबोधन नहीं होगा। दशहरा का भाषण बोरिवेली की रैली में होगा। असल में दशहरा रैली पिछले 48 वर्षो में शिव सेना के लिए अपने राजनीतिक कार्यक्रमों की घोषणा का एक अवसर होता आया है।
यहां तक कि विपक्षी दल भी इसे शिव सेना को चमकाने या समर्थन हासिल करने का मापक मानते रहे हैं। पार्टी के इस कार्य को किसी भी परिस्थिति में नजरअंदाज नहीं किया गया है।