सबगुरु न्यूज़ उदयपुर। स्थापत्य के चतुर चितेरे महाराज गोपीनाथ (गेपा रावल) द्वारा बनवाई गई डूंगरपुर की गेपसागर झील मानसून की मेहर के बाद लबालब हो चुकी है और इसके पानी के रूप में अब शहर की उम्मीदें छलकने को आतुर हैं। पूर्व में यह वर्ष 2006 और 2012 में लबालब होकर छलकी थी। इस बार पुनः यह लबालब है और यदि मानसून की पूरी-पूरी मेहर हुई तो कुछ ही दिनों में यह छलक उठेगी।
इतिहासकार महेश पुरोहित के अनुसार गेपसागर झील का निर्माण विक्रम संवत् 1485 (ईस्वी 1428 ) में करवाया गया था। इसका प्रमाण यहीं हनुमान मंदिर के पास दब गए नौ पंक्तियों के शिलालेख में मिलता है। प्रकृतिप्रेमी गैपा रावल ने गेपसागर की लहरों के मनोहारी सौंदर्य को निहारने की दृष्टि से इसके पार्श्व भाग में ’भागा महल’ बनवाया था और बाद में इस झील की जलराशि के बीच ‘बादल महल’ का निर्माण करवाया गया।
संत मावजी ने गेपसागर के बारे में भविष्यवाणी की वहीं वागड़ की मीरां के रूप में प्रसिद्ध भक्तिमती गवरी बाई ने गेपसागर को अपने पदों में ‘गैप सागर गंग’ कहकर इसकी प्रशस्ति गाई है।
फिलहाल गेपसागर झील का जल स्तर 7 मीटर के मुकाबले 6.60 मीटर पहुंच चुका है और एक अच्छी बारिश से शहर की शान गेपसागर झील कभी भी ओवरफ्लो हो सकती है। गत दिनों नगरपरिषद द्वारा करवाए गए विकास कार्यों के बाद गेपसागर झील का स्वरूप भी निखरा है और पानी से लबालब होने पर इसके सौंदर्य में अभिवृद्धि भी हुई है। गेपसागर झील के इसी मनोहारी स्वरूप को क्लिक किया है डूंगरपुर के फोटोग्राफर जयेश पंवार ने।