नई दिल्ली। दिल्ली में सम-विषम योजना के दौरान सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में शामिल होने जा रही 6 छह हजार अतिरिक्त बसों को पर्यावरण बस का नाम दिया गया है।
इन बसों को एक से 15 जनवरी के दौरान दिल्ली की सडकों पर चलने के लिए परिवहन विभाग द्वारा विशेष रूप से 15 दिनों का परमिट जारी किया जाएगा।
इस संबंध में परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि परमिट लेने के लिए इन बसों का पंजीकरण 17 दिसम्बर से 20 दिसम्बर तक मिलेनियम डिपों में सुबह 10 बजे से 4 बजे तक किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इसके लिए बस मालिक को अपने लाइसेंस का भी पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के दौरान ही मालिक को बताना होगा कि वह सम-विषम योजना के तहत किस डिपो से अपनी बस को चलाना चाहते है। पंजीकरण की प्रक्रिया के आधार पर ही सरकार इन बसों का रुट निर्धारित करेगी।
परिवहन मंत्री के अनुसार सम-विषम योजना के तहत चलने वाली इन कॉन्ट्रेक्ट बसों का भुगतान तय करने के लिए एक 6 सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 40 और 40 से अधिक सीटों वाली सीएनजी एसी बस को 45 रुपए प्रति किलो मीटर और नॉन एसी बस को 41 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से राशि दी जाएगी।
30 से 39 सीटों वाली सीएनजी एसी बस को 34 रुपए प्रति किलोमीटर और नॉन एसी बस को 31 रुपए प्रतिकिलो मीटर के अनुसार राशि दी जाएगी। वहीं 25 से 29 सीटों वाली एसी बस को 30 रुपए प्रति किलो मीटर और नॉन एसी बस को 27 रुपए प्रति किलो मीटर के हिसाब से भुगतान किया जाएगा।
परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पंजीकरण के बाद इन बसों का ट्रायल रन 27 दिसम्बर को किया जाएगा। इस दौरान बसों को रूट की जानकारी दी जाएगी। वहीं स्कूलों से मिलने वाली 2000 बसो में एक ओर की 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएगी।
महिला सुरक्षा की दृष्टि से इन बसों में दो हजार मार्शल भी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही कॉन्ट्रेक्ट कैरिज की 4000 बसों में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटे मौजूदा व्यवस्था के अनुसार ही रहेंगी। बस के आगे पीछे और दोनों गेटों पर बस के रुट की भी जानकारी दी जाएगी।