अजमेर। अजमेर जिले भर में विजयादशमी पर्व की धूम रही। रावण के पुतले का जगह-जगह दहन हुआ। लोगों ने जुलूस बैण्ड बाजे सहित धूमधाम से मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन किया। अजमेर शहर में नगर निगम की ओर से आयोजित नवरात्र एवं दशहरा महोत्सव का भी समापन हो गया।
पटेल मैदान में एकत्र भारी जनसमुदाय और रह रहकर गूंजते जय श्रीराम के उदघोष के बीच रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतना दहन किया गया। इस मौके पर शानदार आतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिला। इससे पूर्व घसेटी बाजार स्थित रघुनाथ मंदिर से पटेल मैदान पहुंचने वाली भगवान श्रीराम की सवारी का जोरदार स्वागत किया गया।
आतिशबाजी ने मन मोह लिया
इस बार दशहरा पर्व पर आतिशबाजी ने जनसमुदाय का मन मोह लिया। रह रहकर आकाश में छाने वाली रंगबिरंगी रोशनी को देख खासकर नन्हें बच्चे प्रफुल्लित हो उठे। करीब 30 मिनट तक हुई आतिशबाजी ने दशहरा को आकर्षक बना दिया।
रावण दहन के दौरान सैल्फी लेने का क्रेज
पटेल मैदान में इस बार हुए रावण दहन के दौरान लोगों में भारी उत्साह देखा गया। आलम यह था कि हर हाथ में मोबाइल लिए लोग रावण दहन और रावण के पुतले के साथ सैल्फी लेने को उतावले नजर आए। हाथों में मोबाइल लिए लोगों ने मैदान में खूब फोटो खींची और वहीं से व्हाटअप और फेसबुक पर शेयर करते रहे।
प्रतिमाएं विधिवत विसर्जित
इससे पहले पटेल मैदान में आयोजित नवरात्र महोत्सव के तहत स्थापित मां दुर्गा की मूर्ति का सुबह 8.00 बजे गाजे-बाजे के साथ विर्सजन किया गया। विर्सजन का जुलूस पटेल मैदान से सुभाष उद्यान तक गया जहां मां दुर्गा की मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, लक्ष्मीजी की मूर्ति, सरस्वती जी की मूर्ति, कार्तिकेय जी की मूर्ति का विधिवत विसर्जन किया गया।
रामलीला का भावपूर्ण मंचन
जवाहर रंगमंच पर आयोजित रामलीला मंचन में वृंदावन के आए कलाकारों द्वारा कुम्भकरण वध, मेघनाद वध, रावण वध, माता सीता से वानरों का मिलन, माता सीता की अग्नि परीक्षा आदि का भावपूर्ण मंचन भी किया गया।
पार्षद भागीरथ जोशी ने बताया कि 12 अक्टूबर 2016 को रामलीला मंचन में भरत मिलाप व श्रीराम का राज्य अभिषेक, गोपाल भक्त का चरित्र आदि प्रसंगों का मंचन किया जाएगा।
पंचशील कॉलोनी में भी हुआ रावण दहन
शहर में पंचशील स्थित यूआईटी कॉलोनी में भी विजयादशमी के मौके पर रावण दहन किया गया। नन्हें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान संग वानर सेना इस मौके पर आकर्षण का केन्द्र रहे।
मालूम हो कि नवरात्र महोत्सव के तहत कॉलोनी में भी दस दिन का नवऱात्र उत्सव आयोजित किया गया। कॉलोनी में ही गरबे का पांडाल सजाया गया। नौ दिन तक नवऱात्र उत्सव की धमचक रही और दशहरे के अवसर पर उत्सव का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ।
समापन से पूर्व राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की वानर सेना की झांकी निकाली गई। यह झांकी गरबा स्थल से रवाना हुई तथा पंचशील कॉलोनी में घूमती हुई पुन: गरबा स्थल पहुंची। गरबा स्थल पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच उत्सव का समापन हुआ।
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