

जगदलपुर। तेज बारिश के कारण अंतिम दिन रथ को जेसीबी मशीन से खींचना पड़ा तेज बारिश के दौरान रथ खींंचने वाले कम पड़ गए। इस तरह रथ को जेसीबी से सिंह द्वार तक रथ को पहुंचाया गया।
रथ खींचने वाले उत्साह के साथ दंतेश्वरी मंदिर से जगन्नाथ मंदिर तक रथ को लेकर आए। यहां छत्र को रथ में विराजित करने और माता को सलामी देने के दौरान बारिश होती रही। बारिश में रथ खींचने वाले ग्रामीण इधर-उधर चले गए, जिससे रथ खींचने वालों की संख्या कम हो गई।
गौरतलब है कि किलेपाल के माडिय़ा, मुरिया, धाकड़ और कला के ग्रामीणों को रथ खींचने का अधिकार है। बारिश के बीच रस्म पूरी करने के लिए रथ का सहारा लिया गया। 600 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब जेसीबी मशीन के सहारे रथ को खींचा गया।
बस्तर दशहरा का अपना एक इतिहास है। महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव के साथ मां दंतेश्वरी के प्रति आस्था को साथ लेकर ग्रामीण दूर-दराज के गांव से पैदल बस्तर आते थे। इतना ही नहीं वे साथ में अपना राशन-पानी और लकडिय़ां तक साथ लाते थे।
वे प्रशासन का मुंह सहायता के लिए नहीं देखते थे, किन्तु आज बस्तर दशहरा पूरी तरह सरकारी हो गया है और इसमें काम करने वाले रथ बनाने से लेकर खींचने वाले तथा जोगी तक शासकीय सहायता और पारिश्रमिक की बाट जोहते हैं।
दशहरा रथ को खींचने पहले लोगों में होड़ लगी रहती थी लेकिन आज इसमें कमी देखने को मिली इसे आस्था में कमी के रूप में भी देखा जा रहा है।
बस्तर दहशरा का मुरिया दरबार 13 अक्टूबर को होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को निमंत्रण देने के लिए बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष, सांसद दिनेश कश्यप सहित प्रतिनिधिन मंडल रायपुर पहुंचा।
इस अवसर पर सांसद दिनेश कश्यप, पूर्व जिपं. अध्यक्ष लच्छूराम कश्यप, भाजपा महिला मोर्चा की दीप्ती पांडे, पिन्टू साव आदि समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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