चेन्नई। तमिलनाडु की सियासत के लिए शनिवार का दिन बहुत हंगामेदार रहा। दिनभर की गहमागहमी के बीच आखिरकार नए मुख्यमंत्री ई. पलानीसामी ने विधानसभा में विश्वासमत जीत लिया। उनके पक्ष में 122 विधायकों ने वोट किए।
वैसे शक्ति परीक्षण को लेकर विधानसभा में प्रकिया की शुरुआत से डीएमके विधायकों ने गुप्त मतदान की मांग करते हुए हल्ला मचाना शुरू कर दिया था। कुछ विधायकों ने स्पीकर पी. धनपाल के साथ धक्का-मुक्की भी की। माइक और टेबलें तोड़ी गईं। इसके बाद मार्शल और पुलिस बुलाकर स्पीकर को सुरक्षित बाहर ले जाया गया।
यह पहला मौका रहा जब सदन में पुलिस को बुलाना पड़ा। हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई को एक बजे तक स्थगित किया गया और फिर कार्यवाही शुरू होने पर जब हंगामा हुआ तो फिर तीन बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया।
इसके बाद जब कार्रवाई पुन: शुरू हुई, तो दोबारा हंगामा होते देख स्पीकर ने डीएमके विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया। फिर भी विधायक शांत नहीं हुए तो सदन तीन बजे तक स्थगित कर दिया गया। इस दौरान डीएमके नेता एमके स्टालिन ने मीडिया को बताया कि किस तरह स्पीकर मनमानी कर रहे हैं।
स्पीकर पर आरोप लगाते हुए स्टालिन ने कहा कि उन्होंने खुद अपने शर्ट फाड़े और डीएमके पर आरोप लगा रहे हैं। मगर आखिर में जब विधायकों द्वारा वोटिंग की गई तो कांग्रेस और पन्नीरसेल्वम समर्थकों ने सदन का वॉक आउट किया। इसके बाद 122 विधायकों के समर्थन से पलानीसामी विश्वासमत जीत गए।
इससे पहले, वोटिंग के तरीके पर भी खूब बहस हुई। विपक्ष के साथ ही पन्नीरसेल्वम समर्थक विधायक भी सीक्रेट वोटिंग की मांग कर रहे थे। हालांकि स्पीकर ने दो टूक कहा कि यह पूरी तरह से उनका अधिकार क्षेत्र में है कि सदन में वोटिंग कैसे हो।
भूख हड़ताल पर स्टालिन, जयललिता की समाधि स्थल पहुंचे पलानीसामी
तमिलनाडु विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण के दौरान मार्शल द्वारा गलत व्यवहार को लेकर डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन धरने पर बैठ गए हैं। स्टालिन मरीना बीच पर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे हैं।
इस बीच, स्टालिन ने यह भी साफ किया है कि वह अपनी शिकायत को लेकर राज्यपाल विद्यासागर राव से भी मुलाकात करेंगे। इसके लिए नौ विधायकों का प्रतिनिधिमंडल भी तैयार किया जा रहा है।
वहीं, विधानसभा में विश्वास मत जीतने के बाद पलानीस्वामी और उनके मंत्री जयललिता की समाधि पर गये। दूसरी ओर, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि डीएमके विधायक लगातार तीन घंटे तक लोकतंत्र को बचाने की अपील करते रहे लेकिन हम सबकी अनुपस्थिति में विश्वास मत साबित कर दिया गया।
स्पीकर द्वारा निभाई गई भूमिका को निश्पक्ष नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि हमने स्पीकर के सामने दो मांगें रखी थीं लेकिन दोनों मांगें सिरे से खारिज कर दी गई। इस दौरान, विधायकों को उनके निर्वाचन क्षेत्र में भेजने के लिए भी कहा गया लेकिन स्पीकर ने बात नहीं मानी।
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