जयपुर/नई दिल्ली। पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेंज झटके आए। दोपहर लगभग 2.50 मिनट पर दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जोकि उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी महसूस किए गए हैं।
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदकुश में था। काबुल से 265 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में इसका केंद्र था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 आंकी गई।
भूकंप के झटकों के बाद लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए जाने के साथ ही मेट्रो परिचालन भी रोक दिया गया।
जयपुर, कानपुर, चंडीगढ़, दिल्ली, नोएडा, गुडगांव, फरीदाबाद, मथुरा, लखनऊ सहित उत्तर भारत के कई शहरों में भूकंप के झटके कई देर तक महसूस किए गए।
पांच मिनट तक हिला शिमला
शिमला में भूंकप के झटके करीव पांच मिनट पर महसूस किए गए हैं। शिमला में जैसे की लोगों ने झटके महसूस किए लोग अपने घरों व कार्यालय से वाहर निकले।
भंकप के झटके शिमला में लोगों को साफ महसूस हुए है। जिस समय यह भूकंप आया उस समय अधिकतर कार्यालय में काम कर रहे थे। तभी अचानक लोगों ने ये झटके महसूस किए।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर, सोलन, बिलासपुर, कांगड़ा चबां सहित सभी जिलों यह झटके महसूस किए गए हैं।
कई स्थानों पर बच्चों को स्कूलों से एकदम बाहर निकाला गया ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके। अभी तक कहीं से भी किसी जानी माल के नुक्सान की कोई सूचना नहीं है।
2015 में भारत में कब-कब आया भूकंप
25 अप्रैल – भूकंप के केंद्र नेपाल में था, झटके उत्तर भारत, पूर्वोत्तर भारत में महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 7.8 मैग्निट्यूड थी।
25 अप्रैल – नेपाल में आए भूकंप के बाद के झटके उत्तरी भारत में महसूस किए गए। इस बार तीव्रता 6.6 मैग्निट्यूड थी।
26 अप्रैल – 6.7 मैग्निट्यूड की तीव्रता से नेपाल में आए भूकंप के आफ्टरशॉक उत्तरी भारत और पूर्वोत्तर भारत में महसूस किए गए।
12 मई – 7.3 मैग्निट्यूड की तीव्रता से फिर नेपाल दहला। इसका असर पड़ोसी देश भारत पर भी दिखा। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश बुरी तरह कांप गए। इस भूकंप में भारत में 44 लोगों की मौत हुई थी।
28 जून – असम में आए 5.6 मैग्निट्यूड की तीव्रता के भूकंप ने 3 लोगों को घायल कर दिया। असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय और भूटान में भूकंप के झटके महसूस किए गए।