सूरत। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के सामने राज्य सरकार को शिक्षा क्षेत्र में कई योजना जारी करनी पड़ी थी। इनमें से एक ईकॉनोमिक बेकवर्ड क्लास(ईबीसी) योजना भी शामिल है।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में शुक्रवार को मिली सिंडीकेट की बैठक में इस योजना को संबद्ध महाविद्यालयों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। वीएनएसजीयू राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन गया है, जिसने इस योजना से अगड़ी जाति के विद्यार्थियों को राहत प्रदान करने का प्रयास किया है।
पाटीदार आरक्षण की लिए राज्यभर में आंदोलन चला रहा हैं। पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की ओर से आरक्षण को लेकर राज्यभर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी किए गए है। कई बार यह विरोध प्रदर्शन हिंसक रुप भी ले चूके हैं। आंदोलन के दौरान कई जाने भी गई है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहा हार्दिक पटेल हाल लाजपोर जेल में बंद है।
पाटीदारों के इस आंदोलन के सामने राज्य सरकार ने अगड़ी जाति के लोगो रिजाने के लिए ईबीसी योजना की घोषणा की। इस योजना को शुक्रवार को विश्वविद्यालय में मिली सिंडीकेट ने बीकॉम, बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रम में लागू करने का फैसला किया है। अब डिग्री पाठ्यक्रमों की कुल सीटों में 10 प्रतिशत सीट ईबीसी के अंतर्गत आरक्षित हो गई है।
57 प्रतिशत सीट आरक्षित
पहले कुल सीटों की में 5 प्रतिशत एससी, 15 प्रतिशत एसटी और 27 प्रतिशत सीट ओबीसी के तहत आरक्षित थी। कुल मिलाकर 47 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती थी। इसमें अब 10 प्रतिशत ईबीसी को भी शामिल कर दिया गया है। इसलिए अब से 100 प्रतिशत सीटों में से 57 प्रतिशत सीट आरक्षित हो गई है। आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय के डिग्री पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया का आगाज होगा। इसके लिए जो प्रोस्पेक्टर्स जारी किया जाएगा उसमें आरक्षित सीटों के साथ ईबीसी का भी उल्लेख किया जाएगा।