लंदन। इबोला के उपचार के नये तरीकों के विकास और यह घातक वायरस कैसे फैलता है, इसको लेकर बेहतर समझ विकसित करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति करते हुए वैज्ञानिकों ने संक्रमण से उबर रहे व्यक्ति के फेफड़े में इबोला वायरस के प्रजनन के ठोस साक्ष्य प्राप्त किये हैं। पश्चिमी अफ्रीका में वर्ष 2013 से 2016 तक रक्तस्रावी इबोला का अभूतपूर्व प्रकोप देखने को मिला।
प्रयोगशाला और जीव अध्ययन के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका में इससे पीडि़त जिन मरीजों का उपचार किया गया, उससे जो चीजें निकलकर सामने आयी, उसके मुताबिक इबोला फेफड़े के उत्तक में प्रजनन के जरिये फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हालांकि, इबोला वायरस से फेफड़े के संक्रमण का अब तक कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिल सका था। इस अध्ययन का प्रकाशन पीएलओएस पैथोगेन्स जर्नल में हुआ है।
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