नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने केजरीवाल सरकार द्वारा रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष पद पर तैनात किए गए 27 विधायकों को नोटिस भेजकर आगमी ग्यारह नवंबर तक जवाब मांगा है।
रोगी कल्याण समिति एक एनजीओ की तरह काम करती है जो कि अस्पतालों के प्रबंधन से जुड़ी है। इसमें इलाके के सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारी शामिल होते हैं।
इन 27 विधायकों में 10 विधायक वे भी हैं जो संसदीय सचिव के मामले में पहले से ही लाभ के पद के मुद्दे पर मुश्किल में हैं। फिलहाल लाभ के पद के मामले में आप के कुल 38 विधायकों पर गाज गिर सकती है।
दरअसल कानून के एक विद्यार्थी विभोर आनंद ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि 27 आप विधायक रोगी कल्याण समिति में अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर आसीन होने के नाते लाभ के पद पर हैं।
लिहाजा इनकी विधायकी रद्द की जाए। इसके बाद इस मामले को राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति से चुनाव आयोग के पास यह मामला आया जिसके बाद चुनाव आयोग इन विधायकों को नोटिस भेज रहा है।
इन 27 विधायकों में अल्का लाम्बा, शिव चरण गोयल, बन्दना कुमारी, जगदीप सिंह, एस के बग्गा, जीतेन्द्र सिंह तोमर, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, विशेष रवि, जरनैल सिंह, नरेश यादव, नितिन त्यागी, वेद प्रकाश, सोमनाथ भारती, मालवीय नगर, पंकज पुष्कर, राजेंद्र पाल गौतम, कैलाश गहलोत, हज़ारी लाल चौहान, शरद चौहान, मदन लाल, राखी बिड़लान, मोहम्मद इशराक, अनिल कुमार बाजपाई, कमांडो सुरेंद्र, महेंद्र गोयल को यह नोटिस भेजा गया है।
हालांकि विधायकों तक यह नोटिस अब तक पहुंचा नहीं है। जानकारी के अनुसार इन्हीं समितियों को मोहल्ला क्लीनिक भी कहा जाता है जिनके अध्यक्ष पदों पर आम आदमी पार्टी के विधायक काबिज बताए जा रहे हैं।