नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी में चुनाव चिह्न की लड़ाई पर केंद्रीय चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। ‘साइकिल’ किसकी है, इसको लेकर 12 बजे से आयोग ने सुनवाई शुरू की। पहले अखिलेश गुट ने अपना पक्ष रखा।
अखिलेश गुट की ओर से प्रो. रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरनमय नंदा, सुरेन्द्र नागर और अक्षय यादव आयोग के समक्ष पेश हुए। वहीं, मुलायम सिंह यादव, शिवपाल और अंबिका चौधरी ने भी केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष साइकिल चुनाव चिह्न पर अपनी दावेदारी के पक्ष में तर्क दिया।
आयोग ने सबसे पहले अखिलेश यादव के गुट को अपना पक्ष रखने का मौका दिया।अखिलेश यादव के खेमे ने अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने दावा किया कि उनके पास दो-तिहाई बहुमत है। लिहाजा ‘साइकिल’ उन्हीं को मिलनी चाहिए। आयोग ने अखिलेश गुट की बात सुनने के बाद मुलायम सिंह को अपना पक्ष रखने को कहा।
मुलायम ने अपनी ओर से तर्क दिया कि चिह्न पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार होता है। चुनाव आयोग में अखिलेश यादव का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साइकिल का चिह्न अखिलेश गुट को दिए जाने की मांग की।
उन्होंने चुनाव चिह्न आदेश के सेक्शन 15 का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी में प्रतिनिधि, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों का दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत हमारे साथ है। इसलिए चिह्न हमें दिया जाए। इतना ही नहीं कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि चुनाव चिह्न पर विवाद की स्थिति में फैसला बहुमत के आधार पर होता है। जिसका संख्या बल ज़्यादा होता है चिह्न उसी का होता है।
वहीं मुलायम गुट ने चुनाव आयोग के समक्ष दलीलों की फाइल पेश की। अखिलेश खेमे के नेता दिल्ली में कैंप कर रहे हैं। चुनाव आयोग में जवाब देने से पहले रामगोपाल यादव का घर अखिलेश खेमे के लिए वॉर रूम बना हुआ है। रामगोपाल यादव के दिल्ली के लोधी एस्टेट हाउस पर सपा के सांसद और अन्य नेता लगातार पहुंच रहे हैं।
इस बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल ने मुलायम सिंह से अपील की है कि वह साइकिल से दावा वापस ले लें। अग्रवाल ने मुलायम सिंह से अपील करते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग में पीछे हट जाएं और अखिलेश को आशीर्वाद दें।
उन्होंने कहा कि हर पिता चाहता है कि उनका बेटा आगे बढ़े और अखिलेश तो सितारा है। नेताजी ऐसा करेंगे तो उनका सम्मान और कद ऊंचा रहेगा और हम सब एक रहेंगे।