नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने 8,000 करोड़ रुपए के धनशोधन मामले में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल की सांसद मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार के खिलाफ एक आरोप-पत्र दाखिल किया।
ईडी ने पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा के समक्ष आरोप-पत्र दाखिल किया। न्यायाधीश ने इस मामले पर सुनवाई के लिए जनवरी का प्रथम सप्ताह तय किया है।
ईडी के अधिकारी ने बताया कि लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती के खिलाफ धनशोधन कानून के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
ईडी ने जुलाई में इस मामले के संबंध में भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल के खिलाफ पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें कुछ कारोबारियों समेत कारोबारी बंधु सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन सहित लगभग 35 लोग आरोपित थे।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 20 मार्च को जैन बंधुओं को गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी ने मई में पहला आरोप-पत्र दायर किया था, जिसके बाद 22 मई को अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
अग्रवाल पर भारती के पति की कंपनी, मिशैल पैकर्स एंड प्रिंटर्स प्राइवेट लिमिटेड की गलत तरीके से मदद के भी आरोप हैं। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भारती से पूछताछ की थी और दिल्ली में उनके तथा पति से संबंधित तीन ठिकानों पर छापे मारे थे।
ईडी ने कहा कि उसने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय द्वारा यहां तीस हजारी अदालत में आपराधिक शिकायत दायर कराने के बाद इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की है।
ईडी के आरोप-पत्र के अनुसार जैन बंधुओं का काम नकदी को ठिकाने लगाने, लेनदेन के तरीके तलाशने और अंत में शोधित धन को एक जगह जुटाकर उसे बैंकिंग व्यवस्था में वैध शेयर प्रीमियम लेनेदेन के रूप में दिखाकर काले धन को सफेद करना था।
आरोप-पत्र में कहा गया है कि नकदी धनराशि लाभार्थियों की ओर से मध्यस्थों द्वारा लाई गई।आरोप-पत्र में कहा गया है कि जैन बंधुओं ने इस प्रक्रिया के तहत काले धन को शेयर प्रीमियम में बदल कर कुछ प्रतिशत आमदनी कमाए।
आरोप-पत्र के अनुसार जांच के दौरान यह पता चला कि 2007-2009 के दौरान मिशैल पैकर्स और प्रिंटर के 1,20,000 शेयरों को शिलिनी होल्डिंग्स लिमिटेड, एड-फिन कैपिटल सर्विसिस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, मनी माला, दिल्ली प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड और डायमंड विनीम प्राइवेट लिमिटेड जैसी चार फर्जी कंपनियों द्वारा 100 रुपये प्रति शेयर पर खरीदा गया।
आरोप-पत्र में कहा गया है कि शालिनी होल्डिंग्स, एड-फिन और मनी माला कंपनियों को जैन बंधुओं द्वारा प्रबंधित और नियंत्रित किया जाता था, जबकि डायमंड विनिमी संतोष कुमार शाह द्वारा प्रबंधित किया जाता था।
आरोप-पत्र में कहा गया है कि 1,20,000 शेयरों को बाद में भारती ने साल 2009 में प्रति शेयर 12 रुपए की दर से खरीद लिया था।
आरोप-पत्र के अनुसार भारती द्वारा शेयर लिए जाने तक मिशैल पैकर्स और प्रिंटर, 25, तुगलक रोड, नई दिल्ली में पंजीकृत था। वर्ष 2009-10 के दौरान पता बदलकर फार्म नंबर 26 पालम फार्म, वीपीओ बिजवासन, नई दिल्ली कर दिया गया। संबंधित अवधि के दौरान भारती और उनके पति कंपनी के निदेशक थे।
यह भी पता चला है कि भारती के सीए ने जैन बंधुओं को पहले ही 90 लाख रुपए का नकद मुहैया कराया, ताकि मिशैल पैकर्स और प्रिंटर में शेयर प्रीमियम के रूप में निवेश किया जा सके और एक मध्यस्थ के तौर पर संदीप शर्मा ने 30 लाख रुपए नकद संतोष कुमार शाह को दिए।इस प्रकार से मिशैल पैकर्स और प्रिंटर एवं उसके निदेशकों ने 1.20 करोड़ रुपए का धनशोधन किया।
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि 1.20 करोड़ रुपए की धनराशि का इस्तेमाल मिशैल पैकर्स एवं प्रिंटर और इसके निदेशकों द्वारा बिजवासन में स्थित 26 पालम में एक फार्म खरीदने के लिए किया गया। इसलिए फार्म को भी ईडी द्वारा जब्त कर लिया गया। आरोप-पत्र में आगे कहा गया है कि इस मामले में जांच के दौरान ईडी ने अबतक 67.02 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
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