नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले के आधार पर शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी.चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ धनशोधन का एक मामला दर्ज किया।
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि हमने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है।
ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई द्वारा दर्ज की गई उस प्राथमिकी के बाद हुई है, जिसमें कार्ति चिदंबरम पर आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी, भ्रष्ट या अवैध तरीके से फायदा उठाने, सरकारी अधिकारी को प्रभावित करने तथा आपराधिक आचरण का आरोप लगाया गया है।
प्राथमिकी में कार्ति पर आरोप लगाया गया है कि अपने पिता के केंद्रीय वित्तमंत्री रहते उन्होंने आईएनएक्स मीडिया (अब 9एक्स मीडिया) को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के एवज में 3.5 करोड़ की रकम ली थी।
एफआईपीबी की मंजूरी मुंबई की आईएनएक्स मीडिया को दी गई थी, जिसका संचालन पीटर मुखर्जी तथा उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी कर रही थीं और फिलहाल दोनों अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के आरोप में जेल में बंद है।
प्राथमिकी में पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम के नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन इसमें कहा गया है कि उन्होंने 18 मई, 2007 को एफआईपीबी की बैठक के दौरान 4.62 करोड़ रुपए के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की एफआईपीबी की मंजूरी को अनुमति दी।
सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के दो दिनों बाद कार्ति लंदन रवाना हो गए। उनके पिता ने कहा है कि वह जल्द लौटेंगे।