नई दिल्ली। कालेधन के संदेह वाली 500 से अधिक मुखौटा कंपनियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रर्वतन निदेशालय ईडी ने शनिवार को देशभर में 100 से अधिक स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
यह तलाशी अभियान देशभर में 17 राज्यों में चलाया गया। ईडी के अधिकारी सुबह से ही इसमें जुट गए और उन्होंने कथित संदिग्ध कंपनियों के बाजारोंं, कारोबारी केन्द्रों, आवासीय परिसरों और यहां तक कि किराये पर दिए गए मकानों में भी तलाशी की। एजेंसी का मानना है कि ये संदेहास्पद कंपनियां ही देश में कालेधन की रीढ़ हैं।
अंतिम जानकारी मिलने तक ईडी की टीम कोलकाता, मुंबई, अहमदाबाद, पणजी, कोच्चि, बेंगलूरू, हैदराबाद, दिल्ली, लखनउ, पटना, जयपुर, चंडीगढ़, जालंधर, श्रीनगर, इंदौर और कुछ हरियाणा में कुल मिलाकर 110 ठिकानों पर पहुंची है।
एजेंसी ने कहा है कि उसने मुंबई स्थित आपरेटर के ठिकानों की तलाशी ली जो कि 700 मुखौटा कंपनियों को चलाता है जिसमें 20 नकली निदेशक हैं और इन कंपनियों ने महाराष्ट्र के जेल में बंद पूर्व उप-मुख्यमंत्री छगन भुजबल के लिए 46.7 करोड़ रुपए को काले से सफेद में बदला है।
ईडी का यह देशव्यापी अभियान प्रधानमंत्री कार्यालय के हाल के निर्देश का हिस्सा था। इस निर्देश में इन कथित मुखौटा कंपनियों के अवैध कारोबार का पता लगाना था। इस केन्द्रीय एजेंसी के कुल मिलाकर 800 अधिकारी और अन्य कर्मचारी हैं। आज इसका समूचा स्टाफ करीब करीब बाहर था और उसने इन मुखौटा कंपनियों के खिलाफ इस बड़े अभियान को अंजाम दिया।
ईडी के निदेशक करनैल सिंह ने कहा कि यह अभियान एजेंसी और कुछ अन्य के द्वारा उनके कालाधन-रोधी कार्रवाई के तहत की गई विभिन्न प्रकार की जांच पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई अभी जारी है।
एजेंसी ने कहा कि उसे कुछ दस्तावेज हाथ लगे हैं। एजेंसी ने उन संदेहास्पद कंपनियों की तलाशी ली है जिनका इस्तेमाल राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एनआरएचएम घोटाले में अपराध की कमाई को खपाने के लिए किया गया।
एजेंसी ने कहा कि उन संचालकों के खिलाफ भी कारवाई की गई जिनका कथित तौर पर नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह ने ‘उनकी अवैध संपत्ति को परिवर्तित’ करने में इस्तेमाल किया।
एजेंसी ने वाई एस जगन मोहन रेड्डी, राजेश्वर एक्सपोट्र्स और अन्य से कथित तौर पर जुड़ी कंपनियों की भी तलाशी ली ताकि उनकी कार्यप्रणाली की जानकारी मिल सके।
रेड्डी के खिलाफ कथित तौर पर आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के मामले में अलग से सीबीआई और ईडी की जांच भी चल रही है।