कोलकाता। जांच रिपोर्ट जमा नहीं होने के कारण राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय के पीएचडी डिग्री मामलें में दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई टाल दी गई।
शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लुर के डिविसन बेंच में मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में संबंधित विभाग को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया हैं। रिपोर्ट आने के बाद यदि इस मामलाकारी सौरभ मंडल व उसके अधिवक्ता संतुष्ट नहीं होते हैं तो वे फिर से सुनवाई के लिए आवेदन कर सकते हैं।
इससे पहले इस मामले में मामलाकारी पक्ष के अधिवक्ता विकाश रंजन भटचार्या ने कहा कि चूंकि यह मामला छात्र-छात्राओं के स्वार्थ से जुडा हुआ हैं इसलिए इस मामले की उपयुक्त जांच होनी चाहिए। मगर उत्तरबंग के अधिवक्ता लक्ष्मी गुप्ता ने इसकी तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि किसी के डिग्री को लेकर इस तरह की जनहित याचिका नहीं दायर की जा सकता।
इसके जवाब में अधिवक्ता विकाश रंजन भटचार्या ने कर्नाटक हाईकोर्ट के एक राय को उदारहण के तौर पर रखा। लक्ष्मी गोता ने कहा कि डिग्री के संबंध में विश्वविद्यालय प्रवंधन के पास एक आरोपपत्र आया हैं। इसके जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया गया हैं। उक्त कमिटी में राज्य सरकार के तरफ से तिन लोग व बाहर से 7 लोगों को शामिल किया गया हैं। इस घटना की जांच रिपोर्ट आने में कुछ समय लग सकता हैं।