पाली। भारतीय ज्ञानधारा पर आधारित निशुल्क शिक्षा बिना देश की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। समय आ गया है कि शिक्षा की संपूर्ण व्यवस्था को सरकारी मान्यता पर निर्भर न होकर जन सहयोग के जरिए संचालित हो। ये विचार पुनरुत्थान विद्यापीठ अहमदाबाद की कुलपति इन्दुमति काटदरे ने व्यक्त किए।
काटदरे सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित एक समारोह के दौरान पाली के प्रबु़द्धजनों को संबोधित कर रहीं थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक विजयकृष्ण नाहर ने की तथा मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व संयुक्त सचिव सज्जनलाल कटारिया थे।
इससे पूर्व आयोजित शिक्षाविदों की सेमिनार में समग्र विकास की भारतीय संकल्पना, व्यक्तित्व का पंच कोषात्मक विकास, व्यक्तित्व का परमेष्ठीगत विकास एवं मुक्त चिंतन एवं जिज्ञासा समाधान विषय पर चार सत्रों में व्याख्यान दिए गए।
सेमिनार में जिले के प्रधानाचार्य, वरिष्ठ अध्यापकों एवं सेवानिवृत शिक्षकों सहित जिले के एक सौ से अधिक शिक्षाविदों ने भाग लिया। मुख्य वक्ता इन्दुमति काटदरे तथा पुनरुत्थान विद्यापीठ के सचिव वासुदेव प्रजापति थे। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रेमसिंह शेखावत ने की।
राजस्थान सरकार के उपमुख्य सचेतक मदन राठौड, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक कमलकिशोर गोयल, विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी, पवन पाण्डेय, विजयसिंह माली, रमेश सांड, राजेन्द्र सिंह भाटी, जयशंकर त्रिवेदी, परमेश्वर जोशी, किसनाराम विश्नोई, गोपीदास रामावत समेत बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।